हिमाचल विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने बिहार में 85वें पीठासीन अधिकारी सम्मेलन में हिमाचल की विकास यात्रा और संविधान की भूमिका पर विचार साझा किए
हिमाचल की विकास यात्रा (Himachal’s Journey of Progress)
कुलदीप सिंह पठानिया ने बताया कि हिमाचल प्रदेश का निर्माण 1948 में हुआ और यह 25 जनवरी 1971 को भारतीय गणराज्य का 18वां राज्य (18th state of the Indian Republic) बना। उन्होंने कहा कि despite challenges, हिमाचल ने विकास के नए आयाम स्थापित किए हैं।
भूख और बेघर मुक्त हिमाचल (No Hunger, No Homelessness)
“हिमाचल एक ऐसा राज्य है जहां no one sleeps hungry, और सभी के पास अपनी छत है,” उन्होंने कहा। वर्ष 1973 में लागू Land Ceiling Act ने भूमि के समतामूलक वितरण और प्रदेश के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
संविधान का महत्व (Importance of Constitution)
उन्होंने भारतीय संविधान को एक “sacred document” बताते हुए कहा कि यह democracy, federalism, and social justice के सिद्धांतों का प्रतीक है। हिमाचल के प्रथम मुख्यमंत्री, जो संविधान सभा की Drafting Committee के सदस्य थे, उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता।
राष्ट्रीय सम्मेलन (National Conference)
बिहार में आयोजित 85वें अखिल भारतीय पीठासीन अधिकारी सम्मेलन (85th All India Presiding Officers’ Conference) में उन्होंने संविधान के सशक्तिकरण और लोकतांत्रिक संस्थाओं को मजबूत करने पर जोर दिया।
प्रमुख उपस्थित लोग (Prominent Attendees)
सम्मेलन में लोकसभा अध्यक्ष Om Birla, राज्यसभा के उपसभापति Dr. Harivansh, बिहार विधानसभा अध्यक्ष Nand Kishore Yadav, और देशभर के अन्य पीठासीन अधिकारी शामिल हुए।
नियम 118 और भूमि सुरक्षा (Rule 118 and Land Protection)
पठानिया ने Rule 118 का जिक्र किया, जो हिमाचल में बाहरी व्यक्तियों को जमीन खरीदने से रोकता है। यह नियम प्रदेश के संसाधनों की सुरक्षा और स्थानीय जनता के हितों की रक्षा सुनिश्चित करता है।