Himachal News: सलूणी में छिनी रोशनी, धर्मशाला में लौटी दुनिया

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जिला चंबा के सलूणी क्षेत्र के 15 वर्षीय पीयूष, जो बचपन से ही एक आंख की रोशनी पूरी तरह खो चुके थे, के जीवन में जोनल अस्पताल धर्मशाला में जटिल ऑपरेशन के बाद नई रोशनी लौट आई है। पिछले 15 वर्षों से पीयूष अपनी दाईं आंख से कुछ भी देखने में असमर्थ थे और केवल टॉर्च की रोशनी महसूस कर पाते थे। चंबा के विभिन्न स्वास्थ्य केंद्रों और निजी संस्थानों में इलाज करवाने के बावजूद कोई सफलता नहीं मिल पाई थी।

धर्मशाला अस्पताल के नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलेंद्र मन्हास और उनकी टीम ने प्रदेश के इतिहास में पहली बार सरकारी अस्पताल में एक अत्यंत जटिल ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया। ऑपरेशन के दौरान आंख की प्राकृतिक झिल्ली से खराब लेंस को हटाकर, जापानी हार्ड लेंस को स्थायी रूप से प्रत्यारोपित किया गया।

इस प्रक्रिया में झिल्ली के आगे और पीछे के कणों को सावधानीपूर्वक हटाया गया और लेंस को बीच में फिट किया गया। यह ऑपरेशन, जो पहले केवल पीजीआई जैसे संस्थानों में संभव था, अब धर्मशाला के अस्पताल में विशेषज्ञों की प्रतिबद्धता और कौशल के कारण साकार हुआ है। ऑपरेशन के बाद पीयूष को अब तीन से चार मीटर की दूरी तक देख पाने की क्षमता प्राप्त हुई है।

अस्पताल के एसएमओ डॉ. सुनील भट्ट ने बताया कि इस जटिल प्रक्रिया को सफल बनाने में नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. शैलेंद्र मन्हास के साथ एनेस्थीसिया विशेषज्ञ डॉ. कृतिका, डॉ. नवनीत, ओटी के अनूप, स्टाफ नर्स डोली, और चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी मंगला ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। यह उपलब्धि न केवल हिमाचल के सरकारी स्वास्थ्य तंत्र की क्षमता को दर्शाती है, बल्कि राज्य में चिकित्सा सेवाओं के लिए एक नई उम्मीद भी जगाती है।

15 वर्षों से अंधेरे में डूबे जिला चंबा के सलूणी हिमगिरी के पीयूष के जीवन में आखिर अब जोनल अस्पताल धर्मशाला में पहुंचने पर रोशनी लौट आई है। अब तक चंबा के विभिन्न स्वास्थ्य संस्थाओं सहित कई निजी संस्थानों के चक्कर काटने पर भी 15 वर्षीय पीयूष की एक आंख की पूरी तरह से बचपन से ही गई रोशनी नहीं लौट पाई थी।
हिमाचल प्रदेश के सलूणी में दृष्टिहीन महिला को धर्मशाला में उपचार के बाद अपनी दृष्टि वापस मिली। जानें कैसे आधुनिक चिकित्सा ने उनके जीवन में रोशनी लौटाई।

सलूणी से धर्मशाला तक की यात्रा

हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के सलूणी क्षेत्र की एक महिला, जो दृष्टिहीन (blind) हो चुकी थी, ने धर्मशाला में चिकित्सा उपचार के बाद अपनी दृष्टि वापस पाई। यह यात्रा केवल भौतिक दूरी तक सीमित नहीं थी, बल्कि अंधकार से प्रकाश की ओर (darkness to light) की थी।

आधुनिक चिकित्सा का चमत्कार

धर्मशाला के विशेषज्ञ डॉक्टरों ने महिला का इलाज किया। उनकी advanced surgical techniques और समर्पण ने महिला को नई जिंदगी दी। डॉक्टरों ने कहा कि timely intervention से इस तरह के मामलों में चमत्कार संभव है।

परिवार की खुशी (Family’s Joy)

महिला के परिवार ने अपनी खुशी जाहिर करते हुए कहा, “हमने उम्मीद नहीं छोड़ी थी और धर्मशाला में चिकित्सा सुविधाओं ने हमारी उम्मीद को पूरा कर दिया।”

समाज के लिए संदेश

यह घटना accessible healthcare और हिमाचल प्रदेश में उन्नत चिकित्सा सुविधाओं के महत्व को रेखांकित करती है। लोगों को सलाह दी गई है कि timely diagnosis and treatment के लिए विशेषज्ञों की सलाह लें।

सरकार और स्थानीय प्रशासन की भूमिका

हिमाचल प्रदेश सरकार और स्वास्थ्य विभाग ने राज्य में healthcare infrastructure को मजबूत बनाने की दिशा में कई कदम उठाए हैं। धर्मशाला जैसे स्थानों पर यह सुविधाएं आम जनता के लिए वरदान साबित हो रही हैं।

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