HPMV वायरस को खतरनाक नहीं माना जा रहा है, लेकिन विशेषज्ञों का कहना है कि संक्रमण से बचने के लिए भीड़-भाड़ वाले स्थानों से बचें। अपने स्वास्थ्य की सुरक्षा के लिए बुनियादी सुरक्षा उपायों का पालन करें।
स्वास्थ्य मंत्री कर्नल धनीराम शांडिल ने कहा कि केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव ने हिमाचल प्रदेश को HPMV वायरस से संबंधित जरूरी दिशा-निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों को ध्यान में रखते हुए स्वास्थ्य विभाग ने तैयारियों को तेज कर दिया है। सभी अस्पतालों और स्वास्थ्य संस्थानों में एडवाइजरी जारी कर दी गई है।
एचपीएमवी वायरस खतरनाक नहीं, लेकिन सतर्क रहें
कर्नल शांडिल ने लोगों से अपील की है कि वे भीड़-भाड़ वाली जगहों से बचें। उन्होंने स्पष्ट किया कि HPMV वायरस कोरोना जैसा खतरनाक नहीं है, इसलिए घबराने की आवश्यकता नहीं है। राज्य सरकार इस वायरस से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार है और स्वास्थ्य विभाग ने पर्याप्त स्वास्थ्य अधोसंरचना, ऑक्सीजन सिलेंडर और बिस्तरों की उपलब्धता सुनिश्चित की है।
HPMV वायरस के लक्षण
HPMV वायरस 2001 में खोजा गया था और इसके लक्षणों में बुखार, खांसी, गले में खराश, नाक बंद या बहना और सांस लेने में कठिनाई शामिल हैं। यह वायरस खांसने, छींकने, या हाथ मिलाने से फैल सकता है। यदि किसी व्यक्ति को खांसी या बुखार के लक्षण महसूस हों, तो उसे नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र से संपर्क करना चाहिए।
HPMV से बचाव के उपाय
स्वास्थ्य मंत्री ने बताया कि संक्रमण से बचने के लिए मास्क पहनना, हाथों को साबुन से धोना, खांसते या छींकते समय मुंह और नाक को ढकना और बीमार होने पर घर पर आराम करना महत्वपूर्ण है।
बिलासपुर में विशेष आईसीयू की शुरुआत
चीन के बाद अब भारत में भी HPMV वायरस के मामले सामने आ रहे हैं। एचएमपीवी के खतरे को देखते हुए एम्स बिलासपुर ने आयुष ब्लॉक में श्वसन एकांतवास आईसीयू की शुरुआत की है। इस ICU में वेंटिलेशन की आवश्यकता वाले रोगियों को सभी जरूरी सुविधाएं उपलब्ध हैं, और इसे स्वास्थ्य विभाग द्वारा संक्रमण से बचाव के उपाय के रूप में स्थापित किया गया है।