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कसौली में बेनाम संपत्ति पर सरकार का दावा, बनेगी अरबों की संपत्ति की मालिक

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सोलन जिला के कसौली क्षेत्र में अरबों रुपए की कीमत की बेनामी संपत्ति के मामले में डिवीजनल कमिश्नर की अदालत ने उपायुक्त सोलन द्वारा दिए गए फैसले को यथावत रखा है। करीब 200 करोड़ की बेनामी संपत्ति अब सरकार के अधीन की जाएगी।

कसौली में स्थित अरबों रुपये की बेनाम संपत्ति पर प्रदेश सरकार ने दावा ठोका है। यह संपत्ति सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज न होने के कारण विवाद में थी। अब इसे सरकारी स्वामित्व में लेने की प्रक्रिया शुरू हो गई है।

कसौली में बेनाम संपत्ति का मामला

सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज नहीं थी संपत्ति

कसौली में स्थित अरबों रुपये की संपत्ति अब तक unregistered और disputed मानी जा रही थी। सरकारी दस्तावेजों में यह संपत्ति बेनाम थी, जिसके चलते इसे illegal ownership माना गया।

प्रदेश सरकार का बड़ा कदम

अब प्रदेश सरकार ने इस बेनाम संपत्ति को state property घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। अधिकारियों के अनुसार, यह कदम Revenue Department और Legal Authorities के साथ मिलकर उठाया जा रहा है।

अरबों की संपत्ति का आकलन

अचल संपत्ति में बड़ी कीमत

इस संपत्ति की कीमत billions में आंकी जा रही है। कसौली के प्रीमियम लोकेशन और बढ़ती रियल एस्टेट की कीमतों के चलते, इस संपत्ति का बाजार मूल्य और भी अधिक हो सकता है।

रहस्यमयी मालिकाना हक

इस संपत्ति का मालिकाना हक अब तक benami transactions के कारण स्पष्ट नहीं हो पाया था। कई दस्तावेजों और investigations के बाद सरकार ने इसे बेनाम घोषित कर दिया।

सरकारी स्वामित्व के लाभ

सार्वजनिक उपयोग के लिए होगा विकास

सरकार ने संकेत दिया है कि इस संपत्ति का उपयोग public welfare projects के लिए किया जा सकता है। यहां tourism infrastructure, पार्क या सरकारी संस्थान बनाए जाने की संभावना है।

Illegal Encroachments पर लगाम

सरकार का यह कदम illegal property dealings और अतिक्रमण पर रोक लगाने की दिशा में बड़ा कदम माना जा रहा है।

कसौली के निवासियों और पर्यटकों की प्रतिक्रिया

स्थानीय लोगों की सकारात्मक प्रतिक्रिया

कसौली के निवासियों ने सरकार के इस फैसले का स्वागत किया है। लोगों का मानना है कि इससे क्षेत्र में transparency आएगी और बेनाम संपत्तियों पर रोक लगेगी।

पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

यदि इस संपत्ति का उपयोग tourism development के लिए किया गया, तो कसौली में पर्यटकों की संख्या और स्थानीय रोजगार में वृद्धि हो सकती है।

निष्कर्ष

कसौली में स्थित अरबों की बेनाम संपत्ति को सरकारी स्वामित्व में लेने का फैसला प्रदेश सरकार का bold and progressive step है। यह कदम न केवल illegal property practices पर रोक लगाएगा, बल्कि प्रदेश के विकास में भी योगदान देगा।

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