यशवंत सिंह परमार औद्योनिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय, नौणी के वैज्ञानिकों ने सेब के जूस को कार्बोनेट करने के लिए एक मानकीकृत प्रोटोकॉल विकसित किया है। यह तकनीक विशेष रूप से तब फायदेमंद होगी जब सेब की सीजन के दौरान किसानों को उनके लो ग्रेड सेब के लिए उचित मूल्य नहीं मिलते हैं।
क्या कभी सोचा है कि जो सेब बाजार में कम दामों पर बिकते हैं या बेकार हो जाते हैं, अब किसानों के लिए एक नया आय का जरिया बन सकते हैं? हिमाचल प्रदेश में डा. यशवंत सिंह परमार औद्योनिकी एवं वानिकी विश्वविद्यालय के वैज्ञानिकों ने सेब के जूस को कार्बोनेटेड बनाने के लिए एक मानकीकृत प्रोटोकॉल विकसित किया है। यह तकनीक खासतौर पर उन लो-ग्रेड सेबों के लिए फायदेमंद साबित होगी जिनकी कीमत सीजन के दौरान कम होती है और किसानों को उनका उचित मूल्य नहीं मिलता।
नई पहल से किसानों की आय में वृद्धि
विश्वविद्यालय के खाद्य विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग ने हाल ही में कार्बोनेटेड सेब जूस के तीन वेरिएंट लॉन्च किए हैं—शुद्ध कार्बोनेटेड सेब जूस, मसालेदार कार्बोनेटेड सेब ड्रिंक, और सेब ड्रिंक। ये सभी उत्पाद शुद्ध, संरक्षक-मुक्त सेब जूस से तैयार किए गए हैं और युवा उपभोक्ताओं के लिए एक स्वस्थ विकल्प के रूप में प्रस्तुत किए गए हैं। यह पहल सेब उत्पादकों के लिए एक स्मार्ट solution प्रदान करती है, जिससे वे अपने लो-ग्रेड सेब को बेकार जाने से बचाकर उसे एक उच्च मूल्य वाले उत्पाद में बदल सकते हैं।
उत्पाद की shelf life और स्वास्थ्य लाभ
कार्बोनेटेड जूस की शेल्फ लाइफ लगभग छह महीने है और इस प्रक्रिया में जूस के पोषक तत्वों को बनाए रखने के लिए उच्च तापमान पर प्रोसेसिंग नहीं की जाती, जिससे यह एक nutritious drink बन जाता है। स्मूथ carbonation से जूस में हल्का संरक्षण प्रभाव आता है, जो इसे लंबे समय तक सुरक्षित रखता है।
किसानों के लिए आसान और लाभकारी विकल्प
यह नई तकनीक किसानों के लिए कम लागत में non-exclusive agreement के तहत उपलब्ध है, जिससे उन्हें आसानी से इस प्रक्रिया को अपनाने का मौका मिलेगा। इस तकनीक से न केवल सेब उद्योग में बदलाव आएगा, बल्कि स्वास्थ्य-conscious consumers को एक स्वस्थ विकल्प मिलेगा जो बाजार में मौजूद अन्य उत्पादों से बेहतर होगा।
प्रो. राजेश्वर सिंह चंदेल, कुलपति, डा. यशवंत सिंह परमार औद्योगिक एवं वानिकी विश्वविद्यालय ने कहा कि इस नवाचार से किसानों को उनके लो-ग्रेड सेब के लिए अच्छा रिटर्न मिलेगा और उपभोक्ताओं को एक स्वास्थ्यवर्धक उत्पाद उपलब्ध होगा। यह तकनीक सुधार और विकल्प प्रदान करती है, जो सेब उत्पादकों की आय को बढ़ावा देने में मदद करेगी।