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खुंब अनुसंधान निदेशालय: मशरूम उत्पादन में वेट बबल रोग से सावधान रहें

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खुम्ब उत्पादन के समय, सक्रमित बैगों को प्लास्टिक से ढकने से इस बीमारी के फैलाव को रोका जा सकता है। अच्छी खाद, केसिंग मिटटी का पाश्चूरीकरण और उत्पादन कक्षों का वाश्पीकरण करने से भी इस बीमारी को रोका जा सकता है। इस के अतिरिक्त अच्छी अवरोध शक्ति की प्रजाति उगाने से बीमारी को रोका जा सकता है।

खुंब अनुसंधान निदेशालय में मशरूम उत्पादन पर कार्यशाला

हिमाचल प्रदेश के चंबाघाट स्थित खुंब अनुसंधान निदेशालय में मशरूम उत्पादन की तकनीक और देखरेख को लेकर 10 से 18 जनवरी तक एक कार्यशाला आयोजित की जा रही है। इस कार्यशाला में देशभर के 17 राज्यों से आए 55 प्रतिभागी, जिनमें मशरूम उत्पादक, विद्यार्थी और सेवानिवृत्त लोग शामिल हैं, भाग ले रहे हैं। कार्यशाला की अध्यक्षता निदेशक डॉ. वीपी शर्मा कर रहे हैं, जबकि संचालन निदेशालय के डॉ. मनोज नाथ और डॉ. अनुराधा श्रीवास्तव कर रहे हैं।

बटन मशरूम में वेट बबल रोग का खतरा

विशेषज्ञों ने कार्यशाला के दौरान सबसे अधिक उगाई जाने वाली बटन मशरूम की जानकारी दी। इसमें उन्होंने Wet Bubble Disease यानी वेट बबल रोग के लक्षणों के बारे में बताया, जिससे मशरूम उत्पादकों को नुकसान झेलना पड़ता है। पुराने उत्पादकों को इस रोग की जानकारी रहती है, लेकिन नए उत्पादकों के लिए यह बड़ा खतरा बन जाता है। इस रोग से प्रभावित मशरूम सिकुड़कर खराब हो जाती है और आसपास के स्वस्थ मशरूम को भी नुकसान पहुंचाती है।

रोग के लक्षण और नुकसान

विशेषज्ञों के अनुसार, जब मशरूम में यह रोग लग जाता है, तो उसका आकार लड्डू की तरह गोल हो जाता है। इससे न तो मशरूम का तना तैयार होता है और न ही कैप। रोग के कारण मशरूम से भूरे रंग का पानी निकलने लगता है, जिससे पूरी फसल बर्बाद हो जाती है।

रोग का निदान और बचाव के उपाय

विशेषज्ञों ने बताया कि यह रोग मुख्य रूप से मशरूम फार्म में साफ-सफाई की कमी, उचित वेंटिलेशन (ventilation) न होने और कैसिंग प्रक्रिया में लापरवाही के कारण होता है। कैसिंग करते समय यह ध्यान देना जरूरी है कि सामग्री को अच्छी तरह से रोगमुक्त किया गया हो। सफाई और सही वेंटिलेशन से इस रोग को रोका जा सकता है।

फार्म भ्रमण से मिली व्यावहारिक जानकारी

कार्यशाला के दौरान निदेशालय की ओर से प्रतिभागियों को बसाल पंचायत के पास स्थित एक मशरूम फार्म का भ्रमण भी करवाया गया। वहां उन्होंने मशरूम उत्पादन की पूरी प्रक्रिया को करीब से देखा और रोग नियंत्रण के उपायों की जानकारी प्राप्त की।

ऑनलाइन पंजीकरण से जुड़ सकते हैं प्रतिभागी

डीएमआर सोलन के निदेशक डॉ. वीपी शर्मा ने बताया कि निदेशालय समय-समय पर इस तरह की कार्यशालाओं का आयोजन करता रहता है। इच्छुक प्रतिभागी Directorate’s Online Portal पर पंजीकरण करके इन कार्यशालाओं में भाग ले सकते हैं।

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