तुंगासी धार जंजैहली घाटी के पास स्थित पहाड़ियों का एक समूह है। यह स्थान अपनी प्राकृतिक सुंदरता, सांस्कृतिक महत्व और ऐतिहासिक धरोहरों के लिए जाना जाता है। यह क्षेत्र ट्रेकिंग और प्रकृति के करीब समय बिताने के लिए एक अनोखा अनुभव प्रदान करता है।
स्थान और पहुँच
तुंगासी धार मंडी जिले में स्थित है और जंजैहली घाटी से लगभग 3 घंटे की ट्रेकिंग द्वारा पहुँचा जा सकता है। इस क्षेत्र में कोई सीधी सड़क नहीं है, इसलिए आगंतुकों को देवदार और राय/तौस के घने जंगलों के रास्ते से होकर जाना होता है।
प्राकृतिक सौंदर्य
तुंगासी धार के पहाड़ घने देवदार के जंगलों से ढके हुए हैं और यह क्षेत्र “डीपीएफ तुंगासी” के रूप में संरक्षित है। पहाड़ियों की चोटियों से चारों ओर हरियाली का मनमोहक दृश्य देखने को मिलता है। यह स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए एक स्वर्ग है और यहां की शांति मन को सुकून प्रदान करती है।
तुंगासी मंदिर और ऐतिहासिक महत्व
तुंगासी धार की चोटी पर देव तुंगासी का एक भव्य मंदिर स्थित है। यह मंदिर स्थानीय देवता तुंगासी ऋषि को समर्पित है, जिन्हें यहां के लोग अत्यंत श्रद्धा से पूजते हैं। मंदिर के पास पत्थरों की पुरानी संरचनाएँ और दीवारें हैं, जो इस बात की ओर इशारा करती हैं कि यह स्थान कभी सैनिकों या स्थानीय शासकों द्वारा उपयोग किया जाता था।
तुंगासी धार को “तुंगासी गढ़” भी कहा जाता है, जिसका अर्थ है पहाड़ी की वह ऊँचाई, जहाँ पुराने समय में निवास के लिए स्थान चुना गया और इसे पत्थरों की चौड़ी दीवारों से घेरा गया। यह स्थान इतिहास प्रेमियों और पुरातत्व में रुचि रखने वालों के लिए विशेष आकर्षण का केंद्र हो सकता है।
गतिविधियाँ
- ट्रेकिंग: तुंगासी धार तक का ट्रेक एक रोमांचकारी अनुभव है। यह यात्रा देवदार के जंगलों से होकर गुजरती है और प्रकृति की सुंदरता का आनंद लेने का अवसर देती है।
- फोटोग्राफी: यहां से पूरे जंजैहली घाटी का दृश्य बेहद सुंदर दिखाई देता है। हालांकि, घाटी की ओर कुछ खतरनाक स्थान हैं, जहां फोटोग्राफी करते समय सावधानी बरतनी चाहिए।
- पिकनिक: यह स्थान एक आदर्श पिकनिक स्थल है। बाहरी हस्तक्षेप न होने के कारण यह स्थान अब तक अनछुआ और शांत बना हुआ है।
- प्राकृतिक अध्ययन: यहां का वन क्षेत्र जैव विविधता के अध्ययन के लिए एक उपयुक्त स्थान है।
आने का सबसे अच्छा समय
तुंगासी धार की यात्रा के लिए सबसे अच्छा समय अप्रैल से जून और सितंबर से नवंबर है। इन महीनों के दौरान मौसम सुहावना रहता है और आसमान साफ होता है, जिससे आप आसपास के सुंदर दृश्यों का आनंद ले सकते हैं।
कैसे पहुँचें
- हवाई मार्ग से: निकटतम हवाई अड्डा भुंतर (कुल्लू) है, जो मंडी से लगभग 100 किमी दूर है।
- रेल मार्ग से: निकटतम रेलवे स्टेशन जोगिंदरनगर है।
- सड़क मार्ग से: जंजैहली तक सड़क मार्ग से पहुँचा जा सकता है। तुंगासी धार तक जाने के लिए ट्रेकिंग करनी पड़ती है।
तुंगासी धार अपनी प्राकृतिक सुंदरता, धार्मिक महत्व और ऐतिहासिक धरोहर के लिए विशेष स्थान रखता है। यह स्थान न केवल प्रकृति प्रेमियों के लिए बल्कि इतिहास और संस्कृति के शोधकर्ताओं के लिए भी अद्वितीय है। शांत वातावरण, हरी-भरी पहाड़ियां और धार्मिक स्थलों का यह अनोखा संयोजन इसे हिमाचल प्रदेश के छुपे हुए रत्नों में से एक बनाता है। अगर आप शांति और रोमांच की तलाश में हैं, तो तुंगासी धार की यात्रा जरूर करें।