हिमाचल प्रदेश सरकार ने वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत सीमावर्ती गांवों के विकास के लिए केंद्र सरकार से फिर से 700 करोड़ रुपये की मांग की है। इस योजना का उद्देश्य बुनियादी ढांचे, सड़कों, पेयजल, और सामुदायिक सुविधाओं को सुधारना है।
केंद्र से बजट जारी करने की नई अपील
प्रदेश से केंद्रीय जनजातीय विकास मंत्रालय को एक बार फिर वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत बजट जारी करने की मांग की जाएगी। प्रदेश के जनजातीय विकास मंत्री जगत सिंह नेगी हाल ही में दिल्ली गए थे, लेकिन उनकी केंद्रीय मंत्री से मुलाकात नहीं हो पाई। अब नए सिरे से प्रस्ताव भेजने का निर्णय लिया गया है ताकि इस मामले में रिमाइंडर दिया जा सके।
700 करोड़ रुपये की पुरानी मांग अब भी लंबित
हिमाचल सरकार की लंबे समय से 700 करोड़ रुपये की मांग केंद्र सरकार के पास लंबित है। इसके अलावा, केंद्र सरकार की नई नीति, जिसमें पैसा सीधे एक योजना के बजाय अलग-अलग विभागों में दिया जा रहा है, पर भी हिमाचल ने आपत्ति (objection) जताई है।
केंद्र से बजट जारी न होने का प्रभाव बजट प्रस्ताव अब तक स्वीकार नहीं
हिमाचल प्रदेश ने वाइब्रेंट विलेज योजना के तहत प्रस्ताव कई बार केंद्र सरकार को भेजा, लेकिन अब तक कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया है। पिछले दिनों मंत्री जगत सिंह नेगी दिल्ली गए, लेकिन केंद्रीय मंत्री से मुलाकात न होने के कारण मामले को आगे बढ़ाने में देरी हुई। अब फिर से प्रस्ताव भेजने और दिल्ली जाकर इस मामले को उठाने की योजना बनाई जा रही है।
फंड की कमी से विकास कार्य प्रभावित
केंद्र सरकार की वाइब्रेंट विलेज योजना (Vibrant Village Scheme) का उद्देश्य सीमावर्ती क्षेत्रों में आधारभूत ढांचे का विकास करना है। लेकिन बजट की अनुपलब्धता के कारण, tribal areas में विकास कार्य रुक गए हैं।
पुरानी योजना में होता था सीधा बजट आवंटन बॉर्डर एरिया डिवेलपमेंट प्रोग्राम का योगदान
पहले बॉर्डर एरिया डिवेलपमेंट प्रोग्राम (BADP) के तहत हिमाचल को सीधे बजट आवंटन मिलता था। इसमें पेयजल योजनाओं, सड़क निर्माण, स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्र के लिए धनराशि दी जाती थी।
नई प्रक्रिया बनी बाधा
अब केंद्र सरकार ने फंड आवंटन प्रक्रिया बदल दी है। इस बदलाव के कारण जनजातीय क्षेत्रों को पर्याप्त fund allocation नहीं मिल पा रहा है।
वाइब्रेंट विलेज योजना का महत्त्व बुनियादी ढांचे का विकास
यह योजना सीमावर्ती गांवों में आधारभूत ढांचे के विकास (infrastructure development) के लिए महत्त्वपूर्ण है। इसमें सड़कों का निर्माण, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं का सुधार शामिल है। लेकिन फंड न मिलने से ये कार्य प्रभावित (affected) हो रहे हैं।
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र पर असर
राज्य के जनजातीय क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र के विकास कार्य केंद्र सरकार के फंड पर निर्भर हैं। ऐसे में बजट न मिलने से ये क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित हो रहे हैं।
निष्कर्ष
हिमाचल प्रदेश सरकार अब फिर से केंद्र से बजट जारी करने की अपील कर रही है। वाइब्रेंट विलेज योजना जैसे महत्त्वपूर्ण प्रोजेक्ट के लिए फंडिंग न होना, विकास कार्यों को बाधित कर रहा है। जल्द ही जनजातीय मंत्री जगत सिंह नेगी दिल्ली जाकर इस मामले को गंभीरता से उठाने की योजना बना रहे हैं।