एम्स में पहली बार ब्रैकीथेरेपी तकनीक से कैंसर का सफल ऑपरेशन किया गया।
एम्स बिलासपुर में ब्रैकीथेरेपी का पहला सफल प्रयोग
अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) बिलासपुर ने cancer treatment में एक नई उपलब्धि हासिल की है। यहां पहली बार Brachytherapy application सफलतापूर्वक की गई। धर्मशाला निवासी 71-year-old woman जो cervical cancer (Stage 2B) से पीड़ित थीं, उनका सफलतापूर्वक इलाज किया गया। यह संस्थान की comprehensive cancer care की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है।
रेडिएशन थेरेपी के बाद ब्रैकीथेरेपी का मूल्यांकन
महिला को Radiation Oncology OPD में जांच के बाद External Beam Radiotherapy (EBRT) की सलाह दी गई। फरवरी 2025 के पहले सप्ताह में उन्होंने EBRT पूरा किया और इसके अच्छे परिणाम सामने आए। इसके बाद उनका Intracavitary Brachytherapy application का पहला सत्र सफलतापूर्वक पूरा हुआ।
ब्रैकीथेरेपी कैसे काम करती है?
विशेषज्ञों के अनुसार, Brachytherapy एक internal radiation therapy है जिसमें radioactive source को सीधे ट्यूमर के अंदर या उसके पास रखा जाता है। इस तकनीक से precise radiation delivery होती है, जिससे स्वस्थ ऊतकों पर प्रभाव कम होता है और effective cancer treatment संभव होता है।
चिकित्सकों की टीम ने किया सफल ऑपरेशन
14 फरवरी को Radiation Oncology Team ने ब्रैकीथेरेपी को सफलतापूर्वक पूरा किया। इस टीम में Dr. Priyanka Thakur, Dr. Niketa Thakur, और Dr. Hardik Sharma शामिल थे। वहीं, Anesthesia team का नेतृत्व Additional Professor & HOD Dr. Vijayalakshmi ने किया।
एम्स कैंसर उपचार को बेहतर बनाने के लिए प्रतिबद्ध
एम्स बिलासपुर के Public Relations Officer (PRO) Dr. Tarun Sharma के अनुसार, संस्थान लगातार advancements और collaborative efforts के माध्यम से cancer treatment को और बेहतर बनाने के लिए प्रयासरत है।
क्या है ब्रैकीथेरेपी?
Brachytherapy एक विशेष प्रकार की radiation therapy है, जिसे internal radiation therapy भी कहा जाता है। इसमें radioactive seeds, wires, capsules, या rods को शरीर में implant किया जाता है, जो ट्यूमर के inside या nearby रखे जाते हैं। इससे targeted radiation therapy मिलती है, जिससे कैंसर कोशिकाओं को नष्ट किया जा सकता है, जबकि आसपास के स्वस्थ ऊतकों को minimal damage होता है।