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जल स्तर में लगातार गिरावट, पहाड़ी राज्यों के लिए बने विशेष नीति: मुकेश अग्निहोत्री

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हिमाचल के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि पहाड़ी राज्यों में जल स्तर की गिरावट गंभीर चिंता का विषय है और इसके लिए विशेष नीति बनाई जानी चाहिए।

जल स्तर में गिरावट, पहाड़ी राज्यों के लिए नीति में बदलाव की जरूरत: मुकेश अग्निहोत्री

हिमाचल प्रदेश के उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री (Mukesh Agnihotri) ने कहा कि असमय बारिश और कम बर्फबारी के कारण राज्य में जल स्रोतों का जल स्तर (Water Level) लगातार घट रहा है। उन्होंने scientific studies का हवाला देते हुए बताया कि हिमालयी ग्लेशियर (Himalayan Glaciers) प्रति दशक 20-30 मीटर की दर से पिघल रहे हैं, जिससे river flow में अनिश्चितता और water crisis गहरा रहा है।

जलवायु-सहिष्णु नीतियों की आवश्यकता

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हमें जलवायु-सहिष्णु policies और advanced scientific interventions की जरूरत है। उन्होंने यह भी बताया कि हमें पारंपरिक जल स्रोतों के संरक्षण के साथ-साथ modern technologies और innovations पर भी ध्यान देना होगा।

विशेष पैकेज की मांग

मुकेश अग्निहोत्री ने center government से special package की मांग की, जिससे हिमाचल के geographical challenges और remote conditions के अनुसार राज्य को सहायता मिल सके। उन्होंने कहा कि Himachal’s 65% area वन क्षेत्र के तहत आता है, जिससे land availability सीमित हो जाती है, लेकिन राज्य का forest conservation पर्यावरण और पारिस्थितिकी बचाने में अहम भूमिका निभा रहा है।

जल संकट के समाधान के लिए वर्षा जल संग्रहण

मुख्यमंत्री ने rainwater harvesting और water recharge structures को प्रोत्साहित करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने पहाड़ी राज्यों के लिए special central support की भी मांग की, ताकि जल संकट का समाधान किया जा सके।

जल जीवन मिशन और पेयजल योजनाओं के लिए वित्तीय सहायता

मुकेश अग्निहोत्री ने Drinking Water Supply schemes के तहत 1000 incomplete projects को पूरा करने के लिए ₹2000 crore की मांग की। उन्होंने हिमाचल के remote tribal areas के लिए anti-freeze water supply systems की आवश्यकता भी जताई, जिसमें insulated pipelines, heated taps और solar-powered pumps शामिल होंगे।

भूजल पुनर्भरण के लिए विशेष परियोजना

उन्होंने हिमाचल प्रदेश में 1269.29 crore रुपये की एक विस्तृत परियोजना को अमल में लाने के लिए center government funding की मांग की, जिसमें groundwater recharge के लिए hand pumps और tube wells को सुधारा जाएगा।

सिंचाई योजनाओं का विस्तार और शहरी जल संकट

उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल की 67% ग्रामीण आबादी की आजीविका agriculture, horticulture, और vegetable production पर निर्भर है। इसके लिए irrigation schemes को बढ़ावा देने की आवश्यकता है। इसके अलावा, urbanization के कारण शहरी और उपनगरीय क्षेत्रों में water and sanitation challenges बढ़ रहे हैं, जिनके लिए अलग criteria और dedicated financial assistance की आवश्यकता है।

दीर्घकालिक स्थिरता के लिए केंद्रीय सरकार से अधिक सहयोग की मांग

उपमुख्यमंत्री ने India/2047 – A Water Secure Nation के दृष्टिकोण से हिमाचल प्रदेश की commitment को दोहराते हुए long-term sustainability के लिए केंद्र सरकार से अधिक उदार funding और flexible policy support की मांग की।

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