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बिजली सस्ती करें और बोर्ड के खर्चे कम हों: जनसुनवाई में उद्योगपतियों की मांग

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हिमाचल में उद्योगपतियों ने जनसुनवाई में बिजली दरें कम करने और बिजली बोर्ड के अतिरिक्त खर्चों को नियंत्रित करने की मांग की।

नए वित्त वर्ष के लिए बिजली दरों पर चर्चा

हिमाचल प्रदेश में अप्रैल 2025 से शुरू होने वाले वित्त वर्ष में बिजली दरें कितनी होंगी, इस पर सोमवार को विद्युत नियामक आयोग ने जनसुनवाई आयोजित की। जनसुनवाई में बिजली बोर्ड के खर्चों में कटौती की मांग उठी ताकि टैरिफ में राहत दी जा सके। नियामक आयोग के अध्यक्ष डीके शर्मा की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में स्टेकहोल्डर्स और बिजली बोर्ड के अधिकारी मौजूद रहे।

बिजली बोर्ड ने पेश की अपनी रिपोर्ट

बिजली बोर्ड ने अपनी Revenue Requirement Petition में बताया कि उसे विभिन्न कार्यों के लिए कितना बजट चाहिए। हालाँकि, इस बार बिजली दरों में वृद्धि नहीं होगी, क्योंकि बोर्ड ने पहले ही संशोधित टैरिफ याचिका जमा की है, जिसमें दरें कम करने की सिफारिश की गई है।

उद्योगपतियों ने किया विरोध, सस्ती बिजली की मांग

उद्योग जगत के प्रतिनिधियों ने कहा कि पूर्व सरकारों द्वारा दिए गए सस्ती बिजली के आश्वासन पूरे नहीं हो रहे हैं, जिससे निवेशकों में असंतोष बढ़ रहा है। उन्होंने बिजली की मौजूदा दरों में और कमी करने की मांग उठाई।

बिजली बोर्ड को खर्चों में कटौती के निर्देश

नियामक आयोग ने बिजली बोर्ड प्रबंधन को खर्चों में कमी लाने को कहा है, विशेष रूप से Employee Cost को नियंत्रित करने की सलाह दी गई है। बोर्ड ने बताया कि खर्चों को नियंत्रित करने के लिए उठाए गए कदम और भविष्य की रणनीति आयोग के समक्ष रखी गई है।

271 करोड़ की कमी, बिजली दरें स्थिर रहेंगी

बिजली बोर्ड ने अपनी संशोधित याचिका में 271.69 करोड़ की कमी की है, जिससे यह तय हो गया है कि अगले साल बिजली के दाम नहीं बढ़ेंगे। बोर्ड ने अपनी Annual Revenue Requirement (ARR) को ₹9242.28 करोड़ से घटाकर ₹8970.59 करोड़ कर दिया है।

सरकार देगी 100 करोड़ का कॉर्पस फंड

राज्य सरकार ने बिजली बोर्ड को 100 करोड़ रुपए का कॉर्पस फंड देने की घोषणा की है। इसके अलावा, कुछ वित्तीय देनदारियां सरकार खुद वहन करेगी, जिससे उपभोक्ताओं को राहत मिलेगी।

बिजली खरीद और कर्मचारियों की लागत में कटौती

बिजली खरीद की लागत ₹5204.49 करोड़ से घटाकर ₹5082.62 करोड़ की गई।
ऑपरेशन एंड मेंटेनेंस खर्च ₹1386.2 करोड़ से घटाकर ₹1265 करोड़ किया गया।
कर्मचारियों की देनदारी ₹3022.69 करोड़ से घटाकर ₹2902.42 करोड़ की गई।

मार्च में जारी होगा नया टैरिफ

जनसुनवाई में सभी पक्षों को सुनने के बाद मार्च 2025 में नया टैरिफ जारी किया जाएगा। नियामक आयोग के अध्यक्ष डीके शर्मा ने कहा कि बिजली बोर्ड को और खर्च कम करने के निर्देश दिए गए हैं ताकि उपभोक्ताओं को अधिक लाभ मिल सके।

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