सोलन जिले के नालागढ़ में हिमाचल प्रदेश का पहला ग्रीन हाइड्रोजन प्लांट बनेगा. इस प्लांट का निर्माण 9.04 करोड़ रुपये के निवेश से किया जाएगा और इसमें प्रतिदिन 423 किलोग्राम ग्रीन हाइड्रोजन उत्पादन की क्षमता होगी. इस परियोजना का निर्माण कार्य 18 महीनों के भीतर पूरा करने का लक्ष्य है हिमाचल प्रदेश के नालागढ़ में आज ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट का शिलान्यास किया जाएगा। यह प्रोजेक्ट प्रदेश में हरित ऊर्जा उत्पादन को बढ़ावा देगा।
हिमाचल की हरित ऊर्जा पहल, सीएम सुक्खू रखेंगे ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट की आधारशिला
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री Sukhvinder Singh Sukhu प्रदेश को March 2026 तक देश का पहला Green Energy State बनाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। इस दिशा में एक बड़ा कदम उठाते हुए 5th February 2025 को हिमाचल प्रदेश की first large-scale Green Hydrogen Project का foundation stone रखा जाएगा। यह परियोजना Baddi-Barotiwala-Nalagarh (BBN) Industrial Area के तहत सोलन जिले के Dabota में स्थापित की जाएगी।
एक मेगावाट की होगी क्षमता, 9.04 करोड़ का निवेश
यह 1 Megawatt Green Hydrogen Plant लगभग ₹9.04 Crore investment से निर्मित होगा। इस प्लांट में 423 kg Green Hydrogen per day उत्पादन की क्षमता होगी। Construction work को 18 months में पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है।
हरित ऊर्जा राज्य बनने की ओर अग्रसर हिमाचल
सीएम सुक्खू के visionary leadership में प्रदेश तेजी से green energy transformation की ओर बढ़ रहा है। राज्य सरकार 500 MW Solar Power उत्पादन का लक्ष्य हासिल करने के लिए innovative solutions पर काम कर रही है।
नालागढ़ के पेखुबेला में सबसे बड़ी 32 मेगावाट सौर परियोजना
हिमाचल प्रदेश में Pekhubela, Nalagarh में राज्य की largest 32 MW Solar Energy Project पहले से ही कार्यरत है। इसके अलावा, Una, Kangra, Solan, Sirmaur, Mandi और Shimla जिलों में 501 MW capacity के 5 Solar Parks और 212 MW capacity के Solar Energy Projects स्थापित किए जा रहे हैं।
ग्रीन हाइड्रोजन परियोजना के लिए MoU साइन
दभोटा में बनने वाले इस Green Hydrogen Plant के लिए हिमाचल सरकार ने 26th April 2023 को All India Limited के साथ एक Memorandum of Understanding (MoU) पर हस्ताक्षर किए थे। यह समझौता Solar Energy, Green Hydrogen, Geo-Thermal Energy और Compressed Bio-Gas के विकास को बढ़ावा देगा।
चार हजार वर्ग मीटर भूमि चिन्हित
इस प्रोजेक्ट के लिए 4,000 square meters भूमि को identified किया गया है। संयंत्र में renewable energy sources से प्राप्त electricity का उपयोग कर hydrogen production किया जाएगा, जिससे Greenhouse Gas Emissions में व्यापक कमी आएगी। इस प्लांट से हर साल करीब 1,54,395 kg Green Hydrogen का उत्पादन किया जाएगा, जिससे clean energy ecosystem को मजबूती मिलेगी।