निर्मला के बजट में हिमाचल के लिए मटमैली संभावनाएं, बजट की फाइल से पहाड़ों की रेल गायब केंद्रीय बजट से रेलवे विस्तार की उम्मीदें लगाए बैठे हिमाचल प्रदेश को निराशा हाथ लगी है। बजट में केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने रेल का जिक्र तक नहीं किया है। ऐसे में हिमाचल प्रदेश की जनता में केंद्र के खिलाफ रोष है वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के बजट में हिमाचल प्रदेश के लिए कोई बड़ी राहत नहीं मिली। रेलवे योजनाएं और इंफ्रास्ट्रक्चर प्रोजेक्ट्स इस बार बजट से गायब रहे, जिससे राज्य की विकास उम्मीदें चकनाचूर हो गईं। पढ़ें कैसे हिमाचल की रेल योजनाएं बजट से बाहर रह गईं।
केंद्रीय रेल बजट में हिमाचल प्रदेश के लिए निराशाजनक परिणाम
Himachal Pradesh को लेकर केंद्रीय रेल बजट में कोई बड़ा ऐलान नहीं किया गया। Nirmala Sitharaman ने हिमाचल प्रदेश के रेलवे विस्तार को गति देने के लिए कोई नई घोषणा नहीं की, जिससे राज्य के लोग निराश हैं। इस बार Nangal-Una-Talwara रेलवे लाइन को पूरा करने की उम्मीद थी, लेकिन बजट में इसके लिए सिर्फ रूटीन प्रावधान ही किया गया।
भानुपल्ली-बिलासपुर रेल मार्ग और लेह रेललाइन की योजनाओं पर कोई ध्यान नहीं
Bhanuppally-Bilaspur रेल मार्ग के लिए भी कोई अतिरिक्त बजटीय राशि नहीं दी गई। Himachal Pradesh के लोग अब भी Leh तक रेललाइन की योजना को National Priority Plan में शामिल करने की उम्मीद लगाए बैठे थे, लेकिन इस बार भी बजट में इसका कोई उल्लेख नहीं हुआ।
बीबीएन को रेल से जोड़ने की उम्मीदें धराशायी
केंद्रीय बजट में Kangra District में रेललाइन विस्तार पर भी कोई चर्चा नहीं की गई। Pathankot-Jogindernagar Narrow Gauge को Broad Gauge में बदलने के लिए बजट में कोई आश्वासन नहीं मिला। Una-Hamirpur rail line और Baddi-Barotiwala-Nalagarh (BBN) को रेल से जोड़ने की योजनाओं पर भी कोई फोकस नहीं किया गया।
प्रदेश के अन्य क्षेत्रों में रेललाइन विस्तार के प्रयासों का अभाव
Dolatpur Chowk तक रेल सेवा पहले ही पहुंच चुकी है, लेकिन अब तक Amb से आगे Jawalaji, Nadaun और अन्य भीतरी इलाकों में रेललाइन की योजना पर कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
Conclusion
इस केंद्रीय रेल बजट में हिमाचल प्रदेश के लिए रेलवे विस्तार योजनाओं को लेकर कोई विशेष प्रगति नहीं दिखाई दी, जिससे राज्यवासियों की उम्मीदें फिर से टूट गई हैं।