हिमाचल प्रदेश में नशे के आदी युवा अब चिट्टे (Heroin) की लत से छुटकारा पाना चाहते हैं। रीहैब सेंटर की मांग बढ़ रही है और सरकार नशा मुक्ति केंद्रों पर फोकस कर रही है।
चिट्टे की गिरफ्त में युवा
Bilaspur जिले में कई youth चिट्टे की लत का शिकार हो चुके हैं और अब इससे बाहर निकलना चाहते हैं। हालांकि, यह एक बड़ी challenge है, लेकिन सरकार और स्वास्थ्य विभाग द्वारा positive efforts किए जा रहे हैं।
मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ रहा असर
क्षेत्रीय अस्पताल बिलासपुर में psychiatrist की तैनाती के बाद खुलासा हुआ कि 15 से 30 साल के अधिकतर युवक और यहां तक कि कुछ युवतियां भी इस लत का शिकार हैं। अब हर रोज 20-25 patients नशामुक्ति के लिए ओपीडी में पहुंच रहे हैं।
स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव – Hepatitis C का खतरा
चिट्टे का सेवन करने वाले कई युवाओं में Hepatitis C पाया गया है, जो liver damage का कारण बन सकता है। यह बीमारी used syringes के साझा करने से फैलती है। करीब 40 addicts इस बीमारी से पीड़ित पाए गए हैं।
Hepatitis C के गंभीर दुष्प्रभाव
यह liver infection पैदा करता है, जिससे jaundice हो सकता है।
Liver cells को नुकसान पहुंचाकर इसकी कार्यक्षमता को कम करता है।
लंबे समय तक संक्रमण रहने पर liver cancer का खतरा बढ़ जाता है।
नशे से छुटकारा पाने के प्रयास
डॉ. आयुष शर्मा, Psychiatrist Bilaspur, ने बताया कि अब कई addicts इस लत से बाहर निकलना चाहते हैं। उनका इलाज किया जा रहा है और मानसिक रूप से मजबूत करने के लिए विशेष counseling sessions भी आयोजित किए जा रहे हैं।
युवाओं को इस घातक लत से बचाने के लिए सामूहिक प्रयासों की जरूरत है, ताकि वे एक स्वस्थ और नशामुक्त जीवन जी सकें।