इस बार हिमाचल में बागबानों को अच्छी फसल की उम्मीद, हाल ही में हुई बारिश और बर्फबारी स्टोन फ्रूट के लिए फायदेमंद साबित हो रही है। नए पौधों की खरीद में तेजी।
बारिश और बर्फबारी से बागबानों को राहत
हिमाचल प्रदेश के orchardists के चेहरे इस बार खिल उठे हैं। फरवरी में हुई बारिश और बर्फबारी से apple & stone fruit की फसल को काफी benefit मिलेगा। इस मौसम में दोबारा हुई ठंड से chilling hours फिर से शुरू हो गए हैं, जो fruit production के लिए बेहद जरूरी होते हैं।
चिलिंग ऑवर्स का महत्व
बागबानी विशेषज्ञ SP Bhardwaj के अनुसार, हिमाचल में बारिश और बर्फबारी के बाद chilling hours की कमी पूरी होने लगी है। ठंड ज्यादा देर तक रहने से fruit crops को सही मात्रा में cold exposure मिलता है, जिससे उनकी quality & yield बेहतर होती है।
सेब और स्टोन फ्रूट्स के लिए आवश्यक चिलिंग ऑवर्स
Red Delicious Apple – 1200 घंटे
Royal Apple – 1000-1100 घंटे
Spur Variety Apple – 800-900 घंटे
Gala Apple – 700-800 घंटे
Plum & Apricot – 300-400 घंटे
Pear – 700-800 घंटे
Grapes – 300-400 घंटे
Cherry – 1200 घंटे
सेब के तौलिए का काम अभी न करें
विशेषज्ञों ने सलाह दी है कि इस समय soil moisture बनाए रखने के लिए mulching या tilling का काम जल्दबाजी में न करें। इससे soil dryness बढ़ सकती है और पौधों को नुकसान हो सकता है।
हिमाचल की बागवानी अर्थव्यवस्था
हिमाचल प्रदेश को “Fruit State of India” कहा जाता है।
बागवानी सेक्टर राज्य की ₹6000 करोड़ की economy का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
सेब और अन्य फलों की पैदावार सर्दियों की बर्फबारी और ठंड पर निर्भर करती है।
क्या कहते हैं बागबानी विशेषज्ञ?
SP Bhardwaj का कहना है कि अगर अगले कुछ दिनों में और बर्फबारी या बारिश होती है, तो chilling hour requirements पूरी हो सकती हैं, जिससे इस साल fruit yield अच्छी रहने की संभावना है।