Himachal Pradesh: 104 से 124 साल की उम्र में भी ले रहे पेंशन! सामाजिक सुरक्षा घोटाले का पर्दाफाश

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हिमाचल प्रदेश में Social Security Pension Scam का खुलासा! 104 से 124 साल के 1,141 पेंशनर संदिग्ध पाए गए।

पहली जांच में 1,438 पेंशनर संदिग्ध पाए गए

प्रदेश में Social Security Pension के नाम पर बड़े घोटाले की आशंका जताई जा रही है। प्रारंभिक जांच में 1,438 पेंशनरों के दस्तावेजों की समीक्षा की गई, जिनमें कई संदिग्ध पाए गए। चौंकाने वाली बात यह है कि इनमें से 1,141 पेंशनरों की उम्र 104 से 124 साल के बीच दर्ज है, जो असंभव लगता है। प्रत्येक संदिग्ध पेंशनर को प्रति माह ₹1,700 पेंशन दी जा रही थी, जो उनके Post Office और अन्य Savings Accounts में जमा हो रही थी।

दो लाख पेंशनरों पर संदेह, दस्तावेजों की गहन जांच जारी

प्रदेश के Social Justice and Empowerment Department द्वारा चलाई जा रही विभिन्न श्रेणियों की सुरक्षा पेंशन स्कीम के तहत 8.18 लाख लाभार्थियों को पेंशन मिल रही है। लेकिन हाल ही में हुई छानबीन में दो लाख पेंशनर जांच के घेरे में आ गए हैं। आवेदन प्रक्रिया काफी सरल है, जिसमें आवेदक Tehsil Welfare Officer के पास सादे कागज पर आवेदन करता है। इसके बाद यह आवेदन District Welfare Officer के पास भेजा जाता है और उसे ऑनलाइन पोर्टल पर अपलोड किया जाता है। अनुमोदन के लिए जिले की एक विशेष कमेटी बनाई जाती है, जिसके चेयरमैन स्थानीय MLA (Member of Legislative Assembly) होते हैं।

रामपुर में विधायक नंदलाल कर रहे हैं कमेटी की अध्यक्षता

शिमला जिले के Rampur Constituency में कांग्रेस विधायक Nand Lal मौजूदा समय में कमेटी के चेयरमैन हैं। इसी तर्ज पर हर जिले में एक विधायक इस कमेटी की अध्यक्षता करता है और आवेदकों की सुरक्षा पेंशन के आवेदन को संबंधित अधिकारियों की रिपोर्ट के आधार पर मंजूरी दी जाती है। लेकिन अब इस प्रक्रिया में Fraud की संभावना जताई जा रही है। यह स्पष्ट नहीं है कि इस घोटाले में कितने लोग दोषी पाए जाएंगे, लेकिन प्रारंभिक जांच के बाद सरकारी विभागों में हड़कंप मच गया है।

E-Kalyan Portal पर भी अनियमितताएं पाई गईं

जांच के दौरान E-Kalyan Portal के तहत 260 वृद्धावस्था पेंशन और 37 विधवा पेंशन के मामलों में गड़बड़ी पाई गई है। कुल 1,438 मामलों में प्रदेश के सभी जिला कल्याण अधिकारियों को एक सप्ताह के भीतर रिपोर्ट तैयार कर निदेशालय को सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, कुल पेंशनरों में से 25% मामलों की गहन जांच के आदेश जारी किए गए हैं।

किरण भड़ाना, निदेशक, अनुसूचित जाति अन्य पिछड़ा वर्ग अल्पसंख्यक एवं विशेष रूप से सक्षम का सशक्तिकरण निदेशालय ने कहा कि पूरे मामले की विस्तृत जांच जारी है और जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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