सरकार के तीसरे बजट से पहले रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। प्रदेश सरकार ने एक सब कमेटी इसे लेकर बना रखी है जिसकी दो-तीन बैठकें भी हो गई हैं, मगर अभी इसकी रिपोर्ट नहीं आई है।
हिमाचल प्रदेश सरकार को रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी की रिपोर्ट का इंतजार है, जो राज्य की आर्थिक स्थिति सुधारने और आय के नए स्रोत विकसित करने पर सुझाव देगी। इस रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार आगामी वित्तीय नीतियों में बदलाव कर सकती है।
बजट से पहले रिपोर्ट का इंतजार
प्रदेश सरकार के तीसरे बजट से पहले रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी की रिपोर्ट को लेकर सस्पेंस बना हुआ है। सरकार ने इस उद्देश्य के लिए एक सब-कमेटी का गठन किया था, जिसकी अब तक दो-तीन बैठकें हो चुकी हैं, लेकिन रिपोर्ट अभी तक नहीं सौंपी गई है। सूत्रों के अनुसार, पिछली कैबिनेट बैठक में कमेटी को जल्द रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए थे और माना जा रहा है कि इसी हफ्ते एक और बैठक हो सकती है। मुख्यमंत्री चाहते हैं कि बजट तैयार करने से पहले कमेटी के सुझावों को रिव्यू किया जाए।
महत्वपूर्ण होगी यह रिपोर्ट
डिप्टी सीएम मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में गठित इस कमेटी ने वित्त विभाग के अधिकारियों और एक्सपर्ट्स से चर्चा की है। इसका उद्देश्य यह जानना है कि हिमाचल सरकार को राजस्व जुटाने के लिए किन रणनीतियों को अपनाना चाहिए। रिपोर्ट के आधार पर राज्य सरकार आर्थिक सुधारों को लेकर कुछ बड़े और कड़े फैसले ले सकती है।
केंद्र से आर्थिक सहयोग में कमी, राज्य पर प्रभाव
डिप्टी सीएम पहले ही स्पष्ट कर चुके हैं कि पूर्व सरकार ने वित्त आयोग की सिफारिशों का विरोध नहीं किया, जिससे राजस्व घाटा अनुदान में बड़ा नुकसान हुआ। इसके अलावा, केंद्र सरकार द्वारा जीएसटी मुआवजा बंद किए जाने से भी हिमाचल को 10 हजार करोड़ रुपए का नुकसान झेलना पड़ा है। बाह्य वित्त पोषित एजेंसियों से नए प्रोजेक्ट लेने में भी दिक्कतें आ रही हैं, जबकि ओपीएस (पुरानी पेंशन योजना) लागू करने के कारण 1,600 करोड़ रुपए की अदायगी अब तक केंद्र से नहीं हुई है।
कैसे होगा राजस्व का प्रबंधन?
रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी सरकार को इस संकट से निपटने के लिए संभावित उपायों का सुझाव देगी। इन सुझावों के आधार पर मुख्यमंत्री सुक्खू आगामी बजट की रणनीति तैयार करेंगे। वित्त विभाग ने बजट का प्रारंभिक खाका तैयार कर लिया है, लेकिन इसमें अभी संशोधन किए जाएंगे। 17 मार्च को मुख्यमंत्री तीसरा बजट पेश करेंगे, इससे पहले अनेक उच्चस्तरीय बैठकें होंगी।
जनता से कम सुझाव, लेकिन फोकस्ड अप्रोच
सरकार ने 31 जनवरी तक जनता से बजट सुझाव मांगे थे, लेकिन इस बार 100 से भी कम सुझाव प्राप्त हुए हैं। हालांकि, इसमें कुछ बेहद उपयोगी और समाज कल्याण से जुड़े सुझाव मिले हैं। पहले कर्मचारियों से प्रमोशन, डीए और वित्तीय लाभों की मांगें अधिक आती थीं, लेकिन इस बार सुझावों में सरकारी खर्चे कम करने और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन पर जोर दिया गया है।