तीन जिलों मंडी-बिलासपुर-शिमला को जोडऩे वाली जिला मंडी की सलापड़–तत्तापानी सडक़ परियोजना को डबललेन करने की अड़चनों को वन विभाग सुंदरनगर की कड़ी मेहनत के बाद 33.3292 हेक्टेयर भूमि को आखिरकार फोरेस्ट क्लियरेंस मिल गई है।
हिमाचल प्रदेश में सलापड़-तत्तापानी सड़क को फॉरेस्ट क्लियरेंस मिल गई है। इस सड़क के निर्माण से पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और स्थानीय लोगों को बेहतर कनेक्टिविटी मिलेगी।
जल्द शुरू होगा निर्माण कार्य
सलापड़-तत्तापानी सड़क को मिली फॉरेस्ट क्लीयरेंसतीन जिलों मंडी, बिलासपुर और शिमला को जोड़ने वाली सलापड़-तत्तापानी सड़क परियोजना को डबल लेन में तब्दील करने की राह अब साफ हो गई है। वन विभाग सुंदरनगर की कड़ी मेहनत के बाद 33.3292 हेक्टेयर भूमि को आखिरकार फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिल गई है।
तीन वर्षों की मेहनत लाई रंग
डीएफओ राकेश कटोच और उनकी टीम के तीन वर्षों के अथक प्रयासों के चलते 24 आपत्तियों का समाधान किया गया। इसके बाद रीजनल एंपावरमेंट कमेटी (REC) चंडीगढ़ ने इस सड़क को मंजूरी देते हुए लिखित स्वीकृति प्रदान की है।
अब शुरू होगा डबल लेन निर्माण कार्य
अब प्रदेश सरकार और लोक निर्माण विभाग के लिए इस 53 किलोमीटर लंबी डबल लेन सड़क का निर्माण कार्य शुरू करने में कोई अड़चन नहीं रहेगी। गौरतलब है कि हाल ही में इस सड़क का सिंगल लेन निर्माण पूरा हुआ था, लेकिन डबल लेन बनाने के लिए वन विभाग की मंजूरी लंबित थी।
सामरिक और पर्यटन दृष्टि से अहम परियोजना
इस सड़क के विकसित होने से:
मंडी और बिलासपुर से शिमला की दूरी कम होगी।
किन्नौर में भारत-चीन सीमा तक कनेक्टिविटी मजबूत होगी।
सीमा पर तैनात सुरक्षा बलों को लाभ मिलेगा।
पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा।
जल्द होगी टेंडर प्रक्रिया
लोक निर्माण विभाग सब-डिवीजन कांगू के सहायक अभियंता ई. संजय शर्मा के अनुसार, मंजूरी के बाद डबल लेन सड़क निर्माण के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की जाएगी।
वन विभाग की भूमिका रही अहम
डीएफओ सुकेत राकेश कटोच ने बताया कि REC चंडीगढ़ ने सड़क को डबल लेन बनाने के लिए 33.3292 हेक्टेयर वन भूमि को सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। इससे वन भूमि संबंधी अड़चनें दूर हो गई हैं और अब सड़क निर्माण कार्य सुचारू रूप से आगे बढ़ सकेगा।