सोलन जिला के कोटी रेलवे स्टेशन के समीप जीवाश्म वैज्ञानिकों व भू-वैज्ञानिकों की एक टीम ने पहली बार जीवाश्म तने (फॉसिल स्टेम) को खोज निकाला है। उनका दावा है कि यह जीवाश्म करीब दो करोड़ वर्ष पुराना है। इस अभूतपूर्व खोज से कसौली फॉरमेशन के भीतर फूलदार पौधों के विकास व विविधिकरण पर नए साक्ष्य मिले हैं।
हिमाचल प्रदेश के सोलन जिले में कोटी रेलवे स्टेशन के पास वैज्ञानिकों को दो करोड़ साल पुराना फॉसिल स्टेम मिला।
कोटी रेलवे स्टेशन के पास मिला दुर्लभ फॉसिल स्टेम
सोलन जिले के कोटी रेलवे स्टेशन के समीप पैलियोन्टोलॉजिस्ट (Paleontologists) और भू-वैज्ञानिकों (Geologists) की एक टीम ने पहली बार एक जीवाश्म तना (Fossil Stem) खोजा है। वैज्ञानिकों का दावा है कि यह जीवाश्म करीब 2 करोड़ वर्ष पुराना हो सकता है। इस महत्वपूर्ण खोज से Kasauli Formation में Flowering Plants के विकास और विविधता पर नए प्रमाण मिले हैं। साथ ही, Early Miocene Period में Regional Angiosperm Evolution को समझने में भी यह खोज बेहद मददगार साबित होगी।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर महत्वपूर्ण खोज
इस खोज का लाभ न केवल भारत और विदेश के वैज्ञानिकों को मिलेगा, बल्कि इस क्षेत्र में अध्ययन कर रहे छात्रों को भी इससे महत्वपूर्ण जानकारियां मिलेंगी। खोजी गई टीम में प्रसिद्ध भूवैज्ञानिक और टेथिस फॉसिल म्यूजियम (Tethys Fossil Museum) के संस्थापक तथा गिनीज बुक वर्ल्ड रिकॉर्ड होल्डर डॉ. रितेश आर्य (Dr. Ritesh Arya) और प्रमुख जीवाश्म विज्ञानी एवं ONGC से रिटायर्ड वरिष्ठ प्रबंधक डॉ. जगमोहन सिंह (Dr. Jagmohan Singh) शामिल थे।
ऐतिहासिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल कोटी रेलवे स्टेशन
वैज्ञानिकों ने कोटी रेलवे स्टेशन का दौरा किया, जो ऐतिहासिक रूप से Geological Exploration के लिए महत्वपूर्ण माना जाता है। यहां जीवाश्मों को खोजने के दौरान अच्छी तरह से संरक्षित Fossil Stem मिला, जिसमें Carbonized Remains भी मौजूद थे। यह जीवाश्म Modern Angiosperms से काफी मेल खाता है। यह खोज इस क्षेत्र में फूलों के पौधों (Flowering Plants) के Biogeographical Distribution और Evolutionary Adaptation को समझने में मदद करेगी।
भविष्य में जारी रहेगा फील्डवर्क
शोध दल अब कोटी क्षेत्र में और अधिक फील्डवर्क (Field Research) करने की योजना बना रहा है, ताकि और भी Plant Fossils की खोज की जा सके। इससे Kasauli Formation की Biodiversity और Paleobotany की जानकारी में इजाफा होगा।
कसौली फॉरमेशन: Fossils का खजाना
Kasauli Formation को Plant Fossils के Rich Collection के लिए जाना जाता है। वर्ष 1864 में Medlicott ने यहां से पहला जीवाश्म खोजा था। तब से लेकर अब तक, यह क्षेत्र भारतीय उपमहाद्वीप के Paleoenvironment और Biological Evolution पर चर्चा का केंद्र बना हुआ है।
Dr. Ritesh Arya का योगदान
कसौली निवासी Dr. Ritesh Arya, जो कि Kasauli Formation के Fossils पर PhD कर चुके हैं, 1987 से Fossils Collect कर रहे हैं। उन्होंने Kasauli, Jagjit Nagar, Barog और Kumarhatti जैसे क्षेत्रों से कई दुर्लभ Tree Fossils, Flowers, Seeds, Fruits, Insect Wings, Vertebrate Fossils और Leaves (Monocots और Dicots दोनों) खोजे हैं। इनमें से कुछ Fossils Garcinia, Gluta, Combretum और Syzygium प्रजातियों से संबंधित हैं, जो Equatorial Similarities दर्शाते हैं।
इस खोज से Kasauli Formation में Biodiversity और Plant Evolution को समझने में नया आयाम मिलेगा, जो भारत के भू-वैज्ञानिक इतिहास में एक अहम योगदान होगा।