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जुजुराना संरक्षण योजना: जून में अंडों से निकलेंगे बच्चे, दिसंबर में होंगे जंगल में मुक्त

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हिमाचल में देश के इकलौते ब्रीडिंग सेंटर में वन्य प्राणी विभाग दस जुजुराना की परवरिश करेगा। मार्च और अप्रैल माह में केंद्र में ब्रीडिंग शुरू होगी। ब्रीडिंग के बाद जून में अंडों से बच्चे बाहर आएंगे और इन्हें परवरिश देकर दिसंबर के बाद फिर से जंगल में छोड़ा जाएगा। देश भर के इकलौते ब्रीडिंग सेंटर में इस समय 48 जोड़े हैं।

हिमाचल प्रदेश में वन विभाग जुजुराना (Western Tragopan) के संरक्षण के लिए विशेष योजना चला रहा है। जून में अंडों से बच्चे निकलेंगे, जिन्हें दिसंबर में जंगल में छोड़ा जाएगा, ताकि उनकी संख्या बढ़ाई जा सके।

जुजुराना संरक्षण के लिए वन विभाग की नई पहल

हिमाचल प्रदेश के इकलौते Breeding Center में वन्य प्राणी विभाग 10 जुजुराना की परवरिश करेगा। March और April में यहां Breeding Process शुरू होगी, जिसके बाद June में अंडों से चूजे बाहर आएंगे। इनका पालन-पोषण करके December में जंगल में छोड़ने की योजना है।

देश का इकलौता जुजुराना Breeding Center

इस समय Breeding Center में 48 जोड़े मौजूद हैं। वन विभाग के मुखिया, प्रधान मुख्य अरण्यपाल अमिताभ गौतम ने हाल ही में इस केंद्र का दौरा किया और Necessary Improvements के लिए दिशा-निर्देश दिए। 1987 में सराहन में Rescue Center की स्थापना की गई थी, जिसे बाद में Jujurana Breeding Center में बदलने की मंजूरी दी गई।

Jujurana Population को बचाने का Mission

भारत में यह एकमात्र Jujurana Breeding Center है। इस Endangered Species की Population बढ़ाने और Maintain करने के लिए जोड़ों को विशेष देखरेख में रखा जाता है। एक Female Jujurana एक Season में 2 से 5 अंडे देती है और इन चूजों को Wildlife Department की देखरेख में पालन-पोषण के बाद जंगल में छोड़ दिया जाता है।

IFS Officers ने बताया Conservation Success

इस मौके पर IFS Officer, Deputy Conservator Ashok Negi ने Jujurana Breeding Center की Past Success Stories और Achievements को सभी के साथ साझा किया। Chief Conservator Amitabh Gautam ने Shimla Forest Circle में किए जा रहे Conservation Efforts की सराहना की है।

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