प्रयागराज महाकुंभ में निरंजनी अखाड़े की छावनी में निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी की अध्यक्षता और संत महापुरुषों के सानिध्य में महामंडलेश्वर महाब्रह्मऋषि श्रीकुमार स्वामी का पट्टा अभिषेक कर जगद्गुरु की उपाधि से विभूषित किया गया।
महाब्रह्मऋषि कुमार स्वामी को Jagadguru Title से नवाजा गया है। जानिए इस उपाधि का महत्व और कुमार स्वामी के धार्मिक योगदान के बारे में।
प्रयागराज महाकुंभ में महाब्रह्मऋषि कुमार स्वामी को जगद्गुरु की उपाधि
प्रयागराज महाकुंभ में Niranjani Akhada की छावनी में, Acharya Mahamandaleshwar Swami Kailashanand Giri की अध्यक्षता में, और संत महापुरुषों के सानिध्य में, Mahabrahmarishi Kumar Swami को Jagadguru Title से विभूषित किया गया। इस महत्वपूर्ण कार्यक्रम में उनकी आध्यात्मिक उत्कृष्टता और समाज के लिए किए गए योगदान को सराहा गया।
समाज और धर्म के लिए महाब्रह्मऋषि कुमार स्वामी का योगदान महत्वपूर्ण
Akhil Bharatiya Akhada Parishad और Maa Mansa Devi Mandir Trust के अध्यक्ष Mahant Ravindra Puri Maharaj ने कहा कि यह सम्मान Mahabrahmarishi Kumar Swami के अद्वितीय योगदान और आध्यात्मिक कार्यों का सम्मान है। उनके कार्य समाज और धर्म के लिए अत्यधिक महत्वपूर्ण हैं। इस सम्मान के जरिए न केवल उनके योगदान को सराहा गया है, बल्कि संत परंपरा और धर्म की महानता को बढ़ावा भी मिला है।
स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने संत महापुरुषों की सेवा को बताया आदर्श
Niranjan Peethadhishwar Acharya Mahamandaleshwar Swami Kailashanand Giri Maharaj ने संत महापुरुषों के कार्यों की महिमा पर जोर देते हुए कहा कि संतों का जीवन हमेशा दूसरों की सेवा और कल्याण के लिए समर्पित होता है। उनका उद्देश्य केवल Human Welfare और Spiritual Enlightenment होता है, और वे अपने कार्यों से समाज में Positive Change लाने की कोशिश करते हैं।
स्वामी बालकानंद गिरी महाराज ने संतों की विनम्रता पर जोर दिया
Anand Peethadhishwar Acharya Mahamandaleshwar Swami Balkanand Giri Maharaj ने संतों के जीवन में Humility, Sacrifice, और Self-Knowledge की महत्वपूर्ण भूमिका पर बात की। उन्होंने कहा कि संत कभी भी Ego नहीं रखते, क्योंकि उनका उद्देश्य Divine Service और दूसरों की भलाई होता है, न कि खुद को श्रेष्ठ दिखाना। यही कारण है कि Mahabrahmarishi Kumar Swami अपने तपबल से Global Devotees का कल्याण कर रहे हैं।
अखाड़े के अन्य संतों और महापुरुषों का योगदान
इस महान अवसर पर, Akhada के अन्य प्रमुख संत महापुरुषों जैसे Mahant Ramratan Giri, Mahant Omkar Giri, Mahant Radhe Giri, और Swami Mahesh Nand समेत अन्य Spiritual Leaders ने अपनी उपस्थिति से इस आयोजन को महत्व दिया। कार्यक्रम में Prof. Dinesh Kumar Garg, Prof. Ram Salahi Dwivedi, और Swami Anantnanda Nand जैसे महत्वपूर्ण व्यक्तियों की भी उपस्थिति रही।
निरंजन पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज का संदेश
स्वामी कैलाशानंद गिरी महाराज ने इस कार्यक्रम के दौरान संत महापुरुषों के कार्यों को न केवल श्रद्धा से देखा, बल्कि समाज और धर्म में उनके योगदान को बढ़ावा देने का संकल्प लिया। उन्होंने संतों के तप, ज्ञान और सेवा कार्यों की सराहना की और कहा कि संतों का जीवन मानवता के भले के लिए है।