अब पॉल्यूशन सर्टिफिकेट जारी करने से पहले वाहन की वीडियोग्राफी अनिवार्य होगी। परिवहन विभाग ने फर्जी प्रमाणपत्र रोकने के लिए नए नियम लागू किए, जिससे नियमों का सख्ती से पालन सुनिश्चित किया जाएगा।
पॉल्यूशन सर्टिफिकेट बनाने के लिए वाहन मालिक को गाड़ी मौके पर लानी होगी। जिस सेंटर में पॉल्यूशन का सर्टिफिकेट बनाया जा रहा है, वहां गाड़ी मौके पर होनी चाहिए।
वाहन को चैक करते वक्त बाकायदा उसकी वीडियोग्राफी की जाएगी। अब बिना वीडियोग्राफी के पॉल्यूशन का सर्टिफिकेट नहीं मिलेगा।हिमाचल प्रदेश में pollution certificate बनाने को लेकर नियमों को सख्त कर दिया गया है। अब वाहन मालिक को physically present होकर अपनी गाड़ी को PUC center में ले जाना होगा।
गाड़ी की होगी अनिवार्य वीडियोग्राफी
जहां भी pollution certificate बनेगा, वहां vehicle videography अनिवार्य होगी। बिना वीडियोग्राफी के अब PUC certificate जारी नहीं किया जाएगा।
फर्जी प्रमाण पत्रों पर लगेगी रोक
परिवहन विभाग को जानकारी मिली थी कि कई बार वाहन मालिक बिना गाड़ी लाए ही fake PUC certificates बनवा लेते थे। अब नए नियमों के तहत ऐसा संभव नहीं होगा।
केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय का नया नियम
केंद्रीय भूतल परिवहन मंत्रालय ने पूरे देश में यह new rule लागू किया है, जिसे Himachal Transport Department ने भी सख्ती से लागू करने का निर्देश जारी किया है।
PUC रिकॉर्ड रहेगा सुरक्षित
सभी pollution check-ups की वीडियोग्राफी का proper record रखा जाएगा, ताकि जरूरत पड़ने पर इसकी cross verification की जा सके।
प्रदेश में 22 लाख से अधिक पंजीकृत वाहन
हिमाचल प्रदेश में कुल 22,43,524 registered vehicles हैं, जिनमें से:
19,25,593 private vehicles हैं।
3,17,931 commercial vehicles हैं।
2,811 electric vehicles (EVs) भी रजिस्टर्ड हैं।
हर छह महीने में जरूरी है पॉल्यूशन सर्टिफिकेट
हर six months, सभी वाहनों के लिए valid pollution certificate बनवाना अनिवार्य होगा। इसे बनवाने के लिए वाहन मालिकों को authorized PUC centers पर जाना होगा।
नए नियमों से प्रदूषण नियंत्रण और फर्जी प्रमाण पत्रों पर सख्ती से रोक लगेगी।