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मुख्य सचिव करेंगे प्रदूषण मामलों का त्वरित निपटारा, उद्योगों को मिलेगी राहत

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हिमाचल में प्रदूषण से जुड़े मामलों का जल्द निपटारा होगा। मुख्य सचिव को निर्णायक अधिकारी की भूमिका दी गई है, जिससे उद्योगपतियों को कोर्ट के चक्करों से राहत मिलेगी और त्वरित न्याय मिलेगा।

मुख्य सचिव को भेजी जा रही फाइलें, उद्योगपतियों को मिलेगी राहत

प्रदेश में industries-related pollution cases के त्वरित निपटारे के लिए State Pollution Control Board ने मुख्य सचिव को फाइलें भेजनी शुरू कर दी हैं। Chief Secretary को Adjudicating Officer की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिससे long-pending cases का निपटारा तेजी से हो सकेगा।

कोर्ट के चक्कर खत्म, सीधा Chief Secretary के पास पहुंचेगी अपील

पहले pollution-related disputes को सुलझाने में judicial delays की वजह से उद्योगपतियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता था। लेकिन new regulations के तहत अब ये मामले सीधे Chief Secretary के पास जाएंगे, जहां पर उद्योगपति भी अपनी appeal कर सकेंगे। इससे legal complexities कम होंगी और time-bound justice मिल सकेगा।

केंद्र सरकार की नई नीति का असर

केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (CPCB) ने states में Chief Secretaries को Adjudicating Authority नियुक्त किया है, जिससे राज्यों में environmental law enforcement को मजबूत किया जा सके। हिमाचल प्रदेश में इस प्रक्रिया को तेजी से लागू किया जा रहा है, जिससे pollution control regulations को प्रभावी तरीके से लागू किया जा सके।

पर्यावरण संरक्षण पर बढ़ेगा फोकस

State Pollution Control Board ने उद्योगों को eco-friendly practices अपनाने के लिए प्रेरित किया है। हालांकि, कई industries अभी भी air pollution और water contamination जैसी समस्याओं के लिए जिम्मेदार पाई जाती हैं। अब ऐसे मामलों में strict monitoring और quick action लिया जाएगा, जिससे industrial pollution को नियंत्रित किया जा सके।

आगे क्या?

मुख्य सचिव द्वारा cases disposal process शुरू होने के बाद, उम्मीद की जा रही है कि प्रदेश में environment protection laws को और कड़ाई से लागू किया जाएगा। इससे industrial sector को भी स्पष्ट दिशा-निर्देश मिलेंगे और eco-friendly growth को बढ़ावा मिलेगा।

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