रामपुर में खुलेगा NDRF का बेस सेंटर, नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स के नाम हुई 50 बीघा जमीन नगर परिषद रामपुर क्षेत्र के डकोल्ड में लगभग 50 बीघा भूमि पर एनडीआरएफ यानी नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स का बेस सेंटर स्थापित किया जाएगा। इसके लिए यहां पर भूमि एनडीआरएफ के नाम हो गई है।
रामपुर में नेशनल डिजास्टर रेस्पांस फोर्स (NDRF) का नया बेस सेंटर खोला जाएगा। इसके लिए 50 बीघा जमीन का आवंटन किया गया है। यह कदम आपातकालीन और प्राकृतिक आपदाओं के दौरान त्वरित राहत कार्यों के लिए महत्वपूर्ण साबित होगा। केंद्र के खुलने से न केवल क्षेत्रीय सुरक्षा बढ़ेगी, बल्कि राज्य में आपदा प्रबंधन के कार्यों में भी सुधार होगा।
रामपुर में एनडीआरएफ का बेस सेंटर: 50 बीघा भूमि पर निर्माण
नगर परिषद रामपुर क्षेत्र के Dakold में लगभग 50 बीघा भूमि पर एनडीआरएफ (National Disaster Response Force) का बेस सेंटर स्थापित किया जाएगा। इस नए बेस सेंटर से एनडीआरएफ के जवान शिमला, किन्नौर, कुल्लू और लाहुल-स्पीति जिलों में प्राकृतिक और अन्य आपदाओं के दौरान तुरंत राहत पहुंचाने में सक्षम होंगे। इससे आपदाओं के समय राहत और बचाव कार्यों में त्वरित मदद मिल सकेगी। इस सेंटर में करीब 500 जवानों के प्रशिक्षण की सुविधा होगी, जो कि rapid response के लिए महत्वपूर्ण है।
एनडीआरएफ की कंपनियां और आपदा प्रबंधन
हिमाचल प्रदेश में एनडीआरएफ की तीन कंपनियां सक्रिय रूप से कार्य कर रही हैं। ये कंपनियां रामपुर, मंडी, और नालागढ़ में तैनात हैं। रामपुर के Jury क्षेत्र में एनडीआरएफ की एक कंपनी अस्थायी तौर पर कार्य कर रही है। यह क्षेत्र आपदा के दृष्टिकोण से काफी संवेदनशील है, क्योंकि यहां Sutlej River में बाढ़ का खतरा हमेशा बना रहता है, और सड़क हादसों और अन्य प्राकृतिक आपदाओं के समय एनडीआरएफ की टीम राहत और बचाव कार्यों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
पिछले साल बाढ़ राहत कार्य में अहम भूमिका
रामपुर क्षेत्र में पिछले वर्ष, 31 जुलाई को Samej Village में आई बाढ़ के बाद, एनडीआरएफ के जवानों ने search operation में अहम भूमिका निभाई थी, जिससे प्रभावितों को समय पर मदद मिली।
50 बीघा भूमि पर बेस सेंटर का निर्माण
एसडीएम रामपुर Nishant Tomar ने पुष्टि की है कि Dakold में 50 बीघा भूमि एनडीआरएफ के नाम हो गई है, और अब वहां नया base center स्थापित किया जाएगा। इस केंद्र के बनने से यहां के लोगों को आपदाओं में त्वरित सहायता मिल सकेगी, और यह राहत कार्यों को और अधिक प्रभावी बनाएगा।