Sirmour News: रिटायर एक्सईएन ने 37 साल पुराना सपना पूरा किया, सिंदूर के पौधे तैयार किए

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रिटायर एक्सईएन ने तैयार किए सिंदूर के पौधे, पूरा किया 37 साल पहले देखा सपना गिरधारी लाल ने सिंदूर के 20 पौधों से ही सफल उत्पादन लिया है। इस वर्ष सफलता को देखते हुए 55 पौधे ओर लगाए गए हैं। अग्रणी किसान ने वर्ष 1988 में नेपाल के काठमांडू में इस सिंदूर की सफल खेती देखी थी।

सिरमौर जिले के एक रिटायर एक्सईएन ने 37 साल पहले देखा सपना पूरा किया और सिंदूर के पौधे तैयार किए। जानिए कैसे इस पौधारोपण ने उनके जीवन को नया मोड़ दिया और इलाके में पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा दिया।

सिरमौर में सिंदूर की सफल खेती: 37 साल पुराना सपना हुआ साकार

हिमाचल प्रदेश के Sirmaur District में पहली बार सिंदूर की खेती का सफल उत्पादन हुआ है। Giridhari Lal, जो कि Retired XEN (Electricity Board) हैं, ने कोलर में सिंदूर की खेती की और यह प्रयोग सफलता से परिपूर्ण रहा। उनके इस प्रयास को देखने के लिए Vice Chancellor, Director Research और अन्य वैज्ञानिक Palampur Agricultural University से आएंगे।

1988 में काठमांडू में देखा था सिंदूर की खेती का सपना

गिरधारी लाल ने Kathmandu (Nepal) में 1988 में सिंदूर की खेती देखी थी और तब से उनका सपना था कि वे इसे Sirmaur में भी लागू करें। सेवानिवृत्त होने के बाद, उन्होंने अपने इस Farming Dream को साकार करने के लिए Chandan Plantation और सिंदूर के 20 पौधों से प्रयोग शुरू किया। यह प्रयोग 2 Years में बेहतरीन परिणाम देने लगा और अब Sindoor Fruit तैयार हो चुका है।

सिंदूर की खेती में सफलता: बढ़ाया उत्पादन

गिरधारी लाल ने 20 Sindoor Plants से उत्पादन शुरू किया और अब, सफलता को देखते हुए उन्होंने 55 More Plants लगाए हैं। इस खेती के परिणामों से उत्साहित होकर उन्होंने अगले वर्षों के लिए और भी अधिक पौधे लगाने का निर्णय लिया है।

सिंदूर का कॉस्मेटिक उद्योग में बढ़ता हुआ महत्व

Sindoor का Cosmetic Industry में काफी High Demand है, खासकर महिलाओं के लिए जो इसे अपने सुहाग का प्रतीक मानती हैं। इस प्राकृतिक सिंदूर की मांग में हर साल वृद्धि हो रही है। कोलर में उत्पादित Natural Sindoor का Skin Suitability भी प्रमाणित किया गया है। इसके लिए Certified Lab Testing से यह साबित हुआ कि यह सिंदूर पूरी तरह से उपयुक्त है।

सिंदूर की खेती से स्थानीय किसानों को फायदा

इस खेती की सफलता से सिरमौर क्षेत्र के Local Farmers को भी प्रेरणा मिली है। सिंदूर की खेती से न केवल स्थानीय उत्पाद बढ़ेंगे, बल्कि यह Employment Opportunities और Economic Growth का एक नया जरिया बनेगा।

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