सुक्खू सरकार की पहल का असर: हिमईरा उत्पादों को देशभर से मिले 1050 ऑर्डर

हिमाचल प्रदेश में सुक्खू सरकार की पहल से हिमईरा ब्रांड को देशभर से जबरदस्त प्रतिक्रिया मिल रही है। अब तक हिमईरा उत्पादों के लिए 1050 ऑर्डर मिल चुके हैं, जिससे स्थानीय उद्योगों को बढ़ावा मिला है।

1050 ऑर्डर से बढ़ी हिमईरा ब्रांड की लोकप्रियता

हिमाचल प्रदेश सरकार द्वारा महिलाओं के सशक्तिकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती देने के प्रयास अब रंग ला रहे हैं। CM Sukhvinder Singh Sukhu द्वारा 3 जनवरी 2025 को लॉन्च किए गए Himeira E-commerce Platform को जबरदस्त प्रतिक्रिया मिली है। अब तक 1050 ऑनलाइन ऑर्डर विभिन्न राज्यों जैसे केरल, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, दिल्ली, पंजाब, हरियाणा और राजस्थान में सफलतापूर्वक डिलीवर किए जा चुके हैं।

ई-कॉमर्स से जुड़कर बढ़े अवसर

इस पहल के तहत Self Help Groups (SHGs) की महिलाओं द्वारा बनाए गए उत्पाद Paytm और My Store जैसे ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर स्वचालित रूप से लिस्ट हो रहे हैं, जिससे वे देशभर के खरीदारों तक पहुंच पा रहे हैं। यह rural artisans द्वारा बनाए गए उत्पादों को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने का एक शानदार जरिया बना है।

30,000 महिलाओं को मिला सीधा लाभ

मुख्यमंत्री सुक्खू ने कहा कि इस डिजिटल प्लेटफॉर्म से 30,000 स्वयं सहायता समूहों (SHGs) की महिलाओं को आजीविका के नए अवसर मिले हैं। इस वेबसाइट पर हाथ से बुने हिमाचली वस्त्रों से लेकर शुद्ध प्राकृतिक खाद्य पदार्थों तक 30 से अधिक उत्पादों की रेंज उपलब्ध है।

हिमईरा उत्पादों ने बदली ग्रामीण महिलाओं की ज़िंदगी

1. गाय के गोबर से बनी वस्तुओं ने जसविंद्र कौर को बनाया आत्मनिर्भर

Nalagarh, Solan की जसविंद्र कौर ने गाय के गोबर से उत्पाद बनाने का काम शुरू किया।
पहले उनकी मासिक आय सिर्फ ₹1,000 थी, लेकिन अब ₹20,000 हो गई है।
अब वह बच्चों की शिक्षा का खर्च उठा पा रही हैं और आर्थिक रूप से स्वतंत्र हो गई हैं।

2. डोना-पत्तल के व्यवसाय से मेघा देवी की कमाई ₹20,000

Sulah, Kangra की मेघा देवी ने श्री गणेश SHG के तहत डोना-पत्तल बनाने का काम शुरू किया।
उनकी मासिक आय पहले सिर्फ ₹5,000 थी, जो अब ₹20,000 तक पहुंच गई है।
अब वह अपने परिवार की आर्थिक रीढ़ बन चुकी हैं।

3. कृषि और हस्तशिल्प से रिग्जिन की आय ₹25,000 तक बढ़ी

Keylong, Lahaul-Spiti के Rigzin को Kangla Berry SHG के माध्यम से आर्थिक मजबूती मिली।
पहले उनकी मासिक आय सिर्फ ₹4,000 थी, लेकिन अब ₹25,000 हो गई है।
वह अब अपने handicrafts and agriculture business को और आगे बढ़ाने की योजना बना रहे हैं।

4. मशरूम की खेती ने अनीता देवी को दी नई पहचान

Hamirpur की Anita Devi पहले एक प्राइवेट नौकरी में ₹5,000 कमाती थीं।
Mushroom farming शुरू करने के बाद अब उनकी मासिक आय ₹20,000 तक पहुंच गई है।
अब वह अपने परिवार को आर्थिक रूप से सहयोग करने के साथ-साथ दूसरों के लिए प्रेरणा बन रही हैं।

सरकार की नीति से ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती

CM Sukhu ने बताया कि सरकार की pro-rural economy policies का उद्देश्य local handicrafts, organic products और sustainable businesses को बढ़ावा देना है। यह पहल women empowerment और self-reliance की दिशा में एक बड़ा कदम है।

इस तरह हिमईरा ब्रांड न सिर्फ हिमाचल के उत्पादों को पहचान दिला रहा है, बल्कि हजारों महिलाओं को आत्मनिर्भर बनने का अवसर भी प्रदान कर रहा है।

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