करोड़ों की क्रिप्टो ठगी करने वाले मास्टरमाइंड ने आत्मसमर्पण किया। जानिए कैसे हुआ घोटाला और पुलिस की आगे की कार्रवाई।
क्रिप्टो ठगी के मास्टरमाइंड ने किया आत्मसमर्पण(crypto-fraud-mastermind-surrenders)
क्रिप्टो करंसी ठगी के मास्टरमाइंड विजय जुनेजा ने शिमला सत्र न्यायालय में आत्मसमर्पण कर दिया है। न्यायालय ने उसके खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट से जमानत न मिलने के बाद उसने शुक्रवार को समर्पण किया। अदालत ने विजय जुनेजा को 13 मार्च 2025 तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है।
रैकेट में बड़े नाम शामिल
जांच में खुलासा हुआ कि विजय जुनेजा, सुभाष, हेमराज, सुखदेव और अभिषेक का पैसा इन्वेस्ट करता था। उसने जीरकपुर में करोड़ों की संपत्ति खरीदी। पुलिस की एसआईटी टीम काफी समय से उस पर नजर रखे हुए थी।
एक लाख से ज्यादा लोग बने शिकार
इस ठगी रैकेट में प्रदेश के एक लाख से अधिक लोग ठगे गए। आरोपियों ने कोर्वियो कॉइन, डीजीटी कॉइन, फिश टोकन, हाइपनेक्सट, बिटपेड-1, बिटपेड-2 और एडड फाइनांस जैसे छह अलग-अलग फर्जी क्रिप्टो कॉइन बनाकर लोगों को जाल में फंसाया।
नेता और पुलिस कर्मी भी बने शिकार
ठगों ने पहले नेताओं और बड़े अधिकारियों को झांसे में लिया और फिर ठगी का दायरा बढ़ाया। कई पुलिस कर्मी भी इस घोटाले में फंसे हुए हैं।
73 आरोपियों पर चार्जशीट, 40 करोड़ की संपत्ति फ्रीज
क्रिप्टो करंसी ठगी मामले की जांच एसपी कांगड़ा शालिनी अग्निहोत्री को सौंपी गई है। अब तक 73 आरोपियों के खिलाफ चार्जशीट दायर की गई और 40 करोड़ से अधिक संपत्ति फ्रीज की गई है।
2500 करोड़ का लेन-देन और मास्टरमाइंड फरार
पुलिस जांच में 2500 करोड़ से अधिक की ट्रांजेक्शन का खुलासा हुआ है। इस घोटाले का असली मास्टरमाइंड मंडी का सुभाष शर्मा देश छोड़कर विदेश भाग चुका है और अभी तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है।