हिमाचल प्रदेश: बैंकों ने टारगेट पूरा करने के लिए खोले लाखों जन धन खाते, 1.5 लाख में शून्य बैलेंस

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हिमाचल प्रदेश में बैंकों ने लक्ष्य पूरा करने के लिए बड़ी संख्या में जन धन खाते खोले, लेकिन इनमें से 1.5 लाख खातों में शून्य बैलेंस बना हुआ है।

देश में 1.57 लाख जन धन खाते जीरो बैलेंस पर बने हुए
Prime Minister Jan Dhan Yojana Zero Balance Accounts

देशभर में प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत 1.57 लाख बैंक खातों में ग्राहकों ने एक भी रुपया जमा नहीं किया। इन खातों को केंद्र सरकार द्वारा वित्तीय समावेशन के उद्देश्य से खुलवाया गया था। हालांकि, इनमें से कई खाते निष्क्रिय बने हुए हैं।

बैंकों को टारगेट पूरा करने के लिए मिले थे लक्ष्य
Banks Given Targets to Open Jan Dhan Accounts

रिजर्व बैंक ने बैंकों को प्रधानमंत्री जन धन योजना के तहत खाते खोलने के लिए टारगेट दिए थे। ऐसे में संभावना जताई जा रही है कि कई बैंकों ने लक्ष्य पूरा करने के लिए फर्जी खाते भी खोल दिए। राज्य स्तरीय बैंकर्स समिति आने वाले समय में इस पर जांच कर सकती है।

निजी और सहकारी बैंकों में जीरो बैलेंस खाते ज्यादा
Higher Zero Balance Accounts in Private and Cooperative Banks

देश में निजी बैंकों के 25.14%, सहकारी बैंकों के 13% और सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के 10.18% जन धन खाते जीरो बैलेंस पर हैं। वहीं, स्मॉल फाइनेंस बैंकों में यह आंकड़ा सबसे अधिक 53.38% है।

एक बैंक ने खोले सिर्फ तीन खाते, सभी जीरो बैलेंस
A Bank Opened Only Three Accounts, All with Zero Balance

प्रदेश में एक निजी बैंक ने केवल तीन जन धन खाते खोले, लेकिन सभी जीरो बैलेंस पर हैं। वहीं, एक अन्य बैंक ने दो खाते खोले, जिनमें से एक में भी शून्य बैलेंस है।

किन्नौर में सबसे ज्यादा, चंबा में सबसे कम जीरो बैलेंस खाते
Kinnaur Has the Highest, Chamba the Lowest Zero Balance Accounts

हिमाचल प्रदेश में किन्नौर जिले में सबसे ज्यादा 13.35% और चंबा में सबसे कम 5.42% जीरो बैलेंस जन धन खाते हैं। अन्य जिलों में शिमला (11.23%), सोलन (11.45%) और ऊना (10.48%) जैसे क्षेत्रों में भी इनकी संख्या अधिक है।

2014 में शुरू हुई थी प्रधानमंत्री जन धन योजना
PMJDY Launched in 2014 by PM Modi

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में गरीबों को बैंकिंग से जोड़ने के लिए इस योजना की शुरुआत की थी। इसका उद्देश्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को मुख्यधारा में लाना और उन्हें वित्तीय सेवाओं का लाभ देना था।

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