हिमाचल में रिकॉर्ड तोड़ शराब खपत! सवा पांच करोड़ लीटर गटक जाएंगे लोग

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हिमाचल प्रदेश में शराब की खपत लगातार बढ़ रही है और सरकार के अनुमान के मुताबिक, इस वित्त वर्ष में प्रदेश में सवा पांच करोड़ लीटर शराब की खपत होने की संभावना है। प्रदेश में हर साल शराब की बिक्री बढ़ रही है, जिससे सरकार को भी करोड़ों रुपये के राजस्व की उम्मीद है। आबकारी एवं कराधान विभाग के आंकड़ों के अनुसार, इस वित्त वर्ष में अब तक लाखों लीटर देसी और विदेशी शराब की बिक्री हो चुकी है, और आने वाले महीनों में इसमें और इजाफा होने की संभावना है।

विशेषज्ञों का मानना है कि पर्यटन में वृद्धि, बदलती जीवनशैली और सामाजिक स्वीकार्यता के चलते शराब की खपत लगातार बढ़ रही है। खासकर त्योहारों, शादी-ब्याह और अन्य आयोजनों में शराब की बिक्री चरम पर होती है। सरकार भी शराब से मिलने वाले राजस्व पर निर्भर है और हर साल इसके लाइसेंस और बिक्री से करोड़ों रुपये की कमाई करती है। हालांकि, इसके साथ ही राज्य में शराब से जुड़ी सामाजिक और स्वास्थ्य समस्याएं भी बढ़ रही हैं, जिससे निपटने के लिए सरकार जागरूकता अभियानों पर भी जोर दे रही है।

शराब बिक्री का बड़ा लक्ष्य

हिमाचल प्रदेश में मार्च के अंत तक 5.25 करोड़ लीटर शराब की बिक्री का अनुमान है। राज्य सरकार ने नई एक्साइज पॉलिसी के तहत यह मिनिमम गारंटीड कोटा (Minimum Guaranteed Quota – MGQ) तय किया था, जिसे पूरा करना अनिवार्य होगा। इतनी शराब की बिक्री से सरकार को 2700 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने की उम्मीद है।

राजस्व बढ़ाने की रणनीति

वर्तमान वित्तीय वर्ष के लिए एक्साइज डिपार्टमेंट अपने निर्धारित लक्ष्य के करीब पहुंच चुका है। 31 मार्च के आंकड़ों में यह स्पष्ट हो जाएगा कि प्रदेश में शराब बिक्री 5 करोड़ लीटर से अधिक हो चुकी होगी। इस पॉलिसी के तहत तीन करोड़ लीटर देशी शराब और दो करोड़ 24 लाख लीटर अंग्रेजी शराब के बिक्री का लक्ष्य रखा गया था।

इन जिलों में सबसे ज्यादा बिक्री

अंग्रेजी शराब की बिक्री में टॉप 3 जिले:

कांगड़ा: 34.28 लाख लीटर
शिमला: 31.68 लाख लीटर
कुल्लू: 27.43 लाख लीटर

देशी शराब की बिक्री में टॉप 3 जिले:

कांगड़ा: 52.27 लाख लीटर
शिमला: 40.41 लाख लीटर
मंडी: 31.60 लाख लीटर

शराब विक्रेताओं पर सख्ती

सरकार ने यह पॉलिसी “No Excuse Policy” के तहत लागू की है, जिसमें सभी शराब विक्रेताओं को MGQ पूरा करना अनिवार्य होगा। जिन जिलों में बिक्री लक्ष्य से पीछे रहेंगे, वहां आबकारी विभाग एक्शन ले सकता है।

नई एक्साइज पॉलिसी जल्द लागू

आबकारी एवं कराधान विभाग नई एक्साइज पॉलिसी को राज्य सरकार की मंजूरी के लिए भेजेगा। आगामी वित्त वर्ष में शराब ठेकों की नीलामी प्रक्रिया भी इसी आधार पर तय होगी। सरकार जल्द ही नई नीति पर निर्णय लेगी, जिससे हिमाचल में शराब बिक्री के नियम और सख्त हो सकते हैं।

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