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International Women’s Day: खेत से खेल मैदान तक सफलता, आसमां में उड़ान भर रहीं हिमाचली बेटियां

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अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस पर पढ़ें हिमाचल की उन बेटियों की सफलता की कहानी, जिन्होंने खेती, खेल, एविएशन और परिवहन में नया इतिहास रचा है। जानें कैसे ये महिलाएं हर क्षेत्र में परचम लहरा रही हैं।

हिमाचल की बेटियां हर क्षेत्र में लहरा रही परचम

हिमाचल प्रदेश की महिलाएं अब सिर्फ घर-परिवार तक सीमित नहीं हैं, बल्कि administration, sports, aviation, farming और अन्य क्षेत्रों में अपना लोहा मनवा रही हैं। बस-ट्रक से लेकर airplane तक उड़ाने वाली ये बेटियां आज कई records बना रही हैं।

नौकरी नहीं, बागवानी को बनाया करियर

आज की पढ़ी-लिखी महिलाएं अब सिर्फ नौकरी के पीछे नहीं भाग रही हैं, बल्कि apple farming को एक successful business के रूप में अपना रही हैं। Shimla-Kullu की सीमा पर स्थित आनी की Shilpa Thakur महिलाओं के लिए एक role model बनी हैं। उन्होंने अपने husband Pankaj Thakur के साथ मिलकर 10,500 HDP (High-Density Plantation) apple trees का एक बाग तैयार किया है। Social media पर भी शिल्पा की strong following है, जहां वह apple orchard tips शेयर करती हैं।

5 लाख व्यूज वाला वीडियो

शिल्पा ने August 2024 में अपने बगीचे में सेब तोड़ते समय एक video shoot किया था, जिसे सिर्फ 3 days में 5 lakh views मिले। उनके HDP orchard में Italy-imported plants, drip irrigation, liquid fertilizers, chilling & fogging system जैसी modern techniques का इस्तेमाल होता है।

सबसे कम उम्र की कमर्शियल पायलट बनीं साक्षी कोचर

Parwanoo, Himachal Pradesh की Sakshi Kochar ने सिर्फ 18 years old की उम्र में देश की सबसे youngest commercial pilot बनकर एक नया record बनाया है। उन्होंने साबित कर दिया कि success पाने के लिए experience & age जरूरी नहीं, बल्कि passion और hard work मायने रखता है। CPL (Commercial Pilot License) हासिल कर उन्होंने अपने dreams को साकार किया।

पहली महिला बस ड्राइवर – सीमा ठाकुर

Seema Thakur ने HRTC (Himachal Road Transport Corporation) में पहली female bus driver बनने का achievement हासिल किया। उनके father भी HRTC driver थे, जिनके साथ सफर के दौरान ही सीमा को बस चलाने का interest आया। 5 मई 2016 को HRTC में जॉइन करने के बाद उन्हें पहले taxi service दी गई, लेकिन उन्होंने struggle जारी रखा और February 2018 में उन्हें शिमला-सोलन bus route दिया गया।

रात में महिलाओं के लिए टैक्सी सर्विस – बिमला ठाकुर

Bimla Thakur ने कामकाजी महिलाओं की safety को ध्यान में रखते हुए Pink Taxi Service की शुरुआत की। यह सेवा 9 PM to 6 AM तक चलती है और महिलाओं को one call पर safe transportation उपलब्ध करवाती है। इसके अलावा, बिमला single women & children के लिए भी support programs चला रही हैं।

खो-खो वर्ल्ड कप विजेता बनीं नीता राणा

Neeta Rana ने भारत की खो-खो टीम का World Cup में प्रतिनिधित्व किया और पहली बार में ही winner बनीं। कुल्लू के Beugi village की रहने वाली नीता ने 2014 में school-level competitions से अपना सफर शुरू किया और 13 बार national tournaments खेलने के बाद भारत का representation किया।

हिमाचल की महिलाएं बना रहीं नया इतिहास

हिमाचल की ये inspiring women समाज में positive change ला रही हैं और next generation को भी आगे बढ़ने के लिए प्रेरित कर रही हैं। चाहे apple farming, aviation, transport, sports या social work, हर क्षेत्र में हिमाचल की बेटियां अपना flag high कर रही हैं।

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