मनरेगा में नया नियम: पंचायतों को एक साल में सिर्फ 20 कार्यों की मंजूरी, प्रधानों का विरोध

मनरेगा के तहत पंचायतों को अब एक साल में केवल 20 कार्यों की मंजूरी मिलेगी। नए नियम का प्रधानों ने विरोध किया,

मनरेगा में दिहाड़ी बढ़ी, लेकिन कार्यों की संख्या घटी

हिमाचल प्रदेश सरकार ने महात्मा गांधी रोजगार गारंटी योजना (MGNREGA) के तहत दिहाड़ी में ₹20 की बढ़ोतरी की है, लेकिन पंचायतों के लिए कार्यों की संख्या सीमित कर दी है। अब पंचायतें एक वर्ष में केवल 20 कार्यों को ही पूरा कर सकेंगी, जिससे मनरेगा श्रमिकों को सीधे नुकसान हुआ है।

पहले था अधिक कार्यों की मंजूरी, अब लगी सीमा

पहले पंचायतों को सार्वजनिक कार्यों के लिए 20 कार्यों की अनुमति थी, लेकिन निजी कार्यों पर कोई सीमा नहीं थी। अब नए नियमों के तहत व्यक्तिगत और सार्वजनिक कार्यों को मिलाकर कुल 20 कार्यों की ही अनुमति होगी।

कुछ योजनाओं को मिली छूट

हालांकि, प्रधानमंत्री आवास योजना (PMAY-G), राज्य आवास योजना और प्लांटेशन कार्यों को इस सीमा से बाहर रखा गया है। अन्य सभी कार्यों को इस नए नियम के तहत शामिल किया गया है।

पोर्टल पर रिपोर्टिंग अनिवार्य

पंचायतों को कार्यों के पूरा होने के बाद पोर्टल पर रिपोर्ट देनी होगी और पत्र भी जमा करवाना होगा। इसके बिना नए कार्यों की स्वीकृति नहीं मिलेगी, और मस्टररोल भी जारी नहीं होगा।

अतिरिक्त कार्यों के लिए अलग प्रक्रिया

यदि पंचायतों को अतिरिक्त कार्यों की आवश्यकता होगी, तो उन्हें प्रोजेक्ट ऑफिसर के माध्यम से डीपीआर (Detailed Project Report) बनाकर जिला कार्यक्रम समन्वयक (District Program Coordinator) को भेजनी होगी। जरूरत पड़ने पर उपायुक्त (DC) की अनुमति से ही अतिरिक्त कार्यों को स्वीकृति मिलेगी।

पंचायत प्रधानों का विरोध, सरकार के फैसले पर नाराजगी

नए नियमों को लेकर पंचायत प्रधानों ने विरोध जताया। दून विधानसभा क्षेत्र में ढकरियाणा, जगजीत नगर, क्यार कनैता, घड़सी, पट्टा, चंडी, कुठाड़, दाड़वा और बढ़लग के पंचायत प्रतिनिधियों ने बैठक की।

बैठक में शामिल प्रमुख प्रधान:

ढकरियाणा पंचायत प्रधान: प्रेमचंद
जगजीत नगर पंचायत प्रधान: मेहर सिंह
क्यार कनैता पंचायत प्रधान: हेमादेवी
घड़सी पंचायत प्रधान: सुरेंद्र कुमार
पट्टा पंचायत प्रधान: रंजना
कुठाड़ पंचायत प्रधान: कैलाश शर्मा
दाड़वा पंचायत प्रधान: रमेश ठाकुर
बढ़लग पंचायत प्रधान: सतीश कुमार

सीएम को ज्ञापन, लिमिट हटाने की मांग

पंचायत प्रधानों ने विधायक रामकुमार चौधरी के माध्यम से मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजा और मांग की कि कार्यों की सीमा हटाई जाए। पंचायत प्रधानों का कहना है कि यह नियम मनरेगा श्रमिकों के लिए न्यायसंगत नहीं है और इससे रोजगार के अवसरों में कटौती होगी।

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