शुक्ल ने कहा कि सनातन संस्कृति और देव संस्कृति अटूट है और इसे कोई समाप्त नहीं कर सकता। जानिए उनके विचार और इसका ऐतिहासिक महत्व
Sanatan and Dev Culture is Eternal: Governor Shiv Pratap Shukla
मंडी। राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल ने कहा कि न तो कभी सनातन संस्कृति समाप्त होगी और न ही देव संस्कृति। इसलिए यह कहना कि आज इस देव समागम का समापन हो रहा है, उचित नहीं होगा। यह एक ऐतिहासिक आयोजन है जो हमेशा जारी रहेगा। वे मंडी में सात दिवसीय अंतरराष्ट्रीय महाशिवरात्रि महोत्सव के समापन अवसर पर बोल रहे थे।
हर साल होगा भव्य देव समागम
Grand Dev Samagam to be Held Every Year
राज्यपाल ने कहा कि इस वर्ष का देव समागम पूर्ण हुआ, लेकिन अगले वर्ष फिर से इसका भव्य आयोजन होगा। यह एक अलौकिक अनुभव है, जहां देवी-देवताओं का मिलन श्रद्धालुओं को आध्यात्मिक ऊर्जा प्रदान करता है। इस आयोजन में हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं और मंडी को “छोटी काशी” के रूप में जाना जाता है, जहां भगवान शिव का निवास माना जाता है।
सनातन संस्कृति को आगे बढ़ाने का संकल्प
Commitment to Carry Forward Sanatan Culture
राज्यपाल ने महोत्सव के सांस्कृतिक और आध्यात्मिक महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि यह महोत्सव हिमाचल की गौरवशाली परंपराओं को संरक्षित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह मंच लोक संस्कृति, संगीत, नृत्य और हस्तशिल्प को भी बढ़ावा देता है।
192 देवताओं ने किया आयोजन को भव्य
192 Deities Made the Event Grand
इस महोत्सव में 192 से अधिक देवी-देवताओं ने भाग लिया, जिससे इसकी भव्यता और अधिक बढ़ गई। इस अवसर पर पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जय राम ठाकुर, विधायक चंद्रशेखर, इंद्र सिंह, पूर्ण ठाकुर, दलीप ठाकुर, दीप राज, एपीएमसी अध्यक्ष संजीव गुलेरिया, जिला परिषद अध्यक्ष पाल वर्मा और नगर निगम मंडी के महापौर वीरेंद्र भट्ट सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।
महिला मंडल चच्योट को मिला सम्मान
Women’s Group Chachyot Honored
इस मौके पर एनसीसी कैडेट्स ने आत्मरक्षा के लिए मार्शल आर्ट का प्रदर्शन किया और नशा मुक्त समाज का संदेश देने के लिए एक नाटक प्रस्तुत किया। महिला मंडल द्वारा आयोजित रस्साकशी प्रतियोगिता के फाइनल में महिला मंडल चच्योट विजेता रहा। राज्यपाल ने उन्हें 15,000 रुपये का नकद पुरस्कार देकर सम्मानित किया।