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Himachal News: चंडीगढ़-बद्दी रेलवे लाइन के निर्माण में निकली मिट्टी कहां गई? उठे सवाल

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हिमाचल में चंडीगढ़-बद्दी रेलवे लाइन निर्माण के दौरान निकली मिट्टी का कोई अता-पता नहीं। आखिर किसने निगल ली लाखों टन मिट्टी?

Construction Site से मिट्टी हुई गायब – बड़ा सवाल

हिमाचल प्रदेश में Chandigarh-Baddi railway line के निर्माण के दौरान कई जगहों पर जो मिट्टी इकठ्ठा हुई थी, वह अचानक गायब हो गई। आशंका जताई जा रही है कि इसे illegal mining operators द्वारा उठाया गया है। हैरानी की बात यह है कि मिट्टी का क्या हुआ, इसकी जानकारी निर्माण कार्य में लगी कंपनी को भी नहीं है।

 NGT ने लिया संज्ञान, मांगा जवाब

National Green Tribunal (NGT) ने इस मामले में एक शिकायत मिलने के बाद स्वत: संज्ञान लिया है। NGT ने संबंधित अधिकारियों से साफ पूछा है – “Where is the soil?” इसके साथ ही इस मामले में गड़बड़ी को लेकर ₹1.08 crore का जुर्माना भी लगाया गया है।

पर्सनल अपीयरेंस के आदेश, जुर्माना भरने के निर्देश

NGT ने संबंधित अधिकारियों को personal appearance के आदेश दिए हैं। साथ ही कहा गया है कि यह राशि District Mineral Fund से जमा करवाई जाए। इसके लिए सोलन जिला प्रशासन, उद्योग विभाग और Pollution Control Board को भी नोटिस भेजा गया है।

Contractor की जिम्मेदारी भी तय

NGT ने यह स्पष्ट किया है कि निर्माण में लगी कंपनी की यह responsibility बनती है कि खुदाई से निकली मिट्टी का सही उपयोग हो और उसका record रखा जाए। मिट्टी को यूं गायब कर देना न केवल अनियमितता है, बल्कि यह पर्यावरणीय दृष्टि से भी चिंताजनक है।

रिपोर्ट दाखिल, फैसले का इंतजार

इस मामले में सभी संबंधित विभागों ने अब अपने-अपने written responses दाखिल कर दिए हैं। अब NGT से final decision का इंतजार है। यदि आदेशों की अनुपालना करनी पड़ी, तो ₹1.08 crore की राशि सरकार या दोषी विभागों को चुकानी पड़ेगी।

 पर्यावरण विभाग में हलचल, मुख्यमंत्री कार्यालय तक पहुंचा मामला

इस मामले पर Department of Environment, Science & Technology के अधिकारियों ने मुख्य सचिव से बातचीत की है। NGT के सख्त रुख को लेकर सोलन के DC और राज्य सरकार के उच्चाधिकारियों के बीच लगातार बैठकें हो रही हैं। यह मामला अब प्रशासनिक और राजनीतिक स्तर पर भी चर्चा का विषय बन गया है।

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