दुकानदारों ने पीडब्ल्यूडी को एक सप्ताह का अल्टीमेटम देते हुए चेतावनी दी है कि अगर अवैध कब्जे नहीं हटाए गए तो वे सड़क पर ही अपनी दुकानदारी शुरू करेंगे। विभाग से तुरंत कार्रवाई की मांग की गई है ताकि समान अवसर मिल सके और अवैध कब्जेदारों पर लगाम कसी जा सके।
मंगरोट में फिर भड़का जमीन विवाद, पीडब्ल्यूडी पर कब्जा छोड़ने का दबाव
शिमला-धर्मशाला नेशनल हाईवे पर मंगरोट में जमीन विवाद ने एक बार फिर तूल पकड़ लिया है। स्थानीय निवासी राजनकांत शर्मा ने लोक निर्माण विभाग को अल्टीमेटम देते हुए कहा है कि यदि एक हफ्ते के भीतर उनकी जमीन से कब्जा नहीं हटाया गया तो वे हाईवे पर फिर से व्यवसाय शुरू करेंगे।
प्रशासन को भेजा अल्टीमेटम, ट्रैफिक बाधा की चेतावनी
राजनकांत शर्मा ने प्रशासन, पुलिस और लोक निर्माण विभाग को पत्र भेजते हुए स्पष्ट किया है कि अगर जमीन नहीं छोड़ी गई तो वह नेशनल हाईवे पर दुकान लगाकर विरोध जताएंगे। इससे अगर ट्रैफिक बाधित होता है, तो उसकी जिम्मेदारी संबंधित विभागों की होगी।
तीन साल से लंबित मामला, व्यवसाय ठप होने से आर्थिक नुकसान
राजनकांत का कहना है कि उनकी माता के नाम की जमीन पर तीन साल से पीडब्ल्यूडी का अवैध कब्जा है, जिसके कारण वे कोई काम-धंधा नहीं कर पा रहे हैं और परिवार को आर्थिक तंगी झेलनी पड़ रही है।
कई बार विभागों के चक्कर, फिर भी नहीं मिला समाधान
राजनकांत शर्मा ने कहा कि उन्होंने कई बार अधिकारियों से संपर्क किया और विभागों के चक्कर काटे, लेकिन अब तक समाधान नहीं हुआ। उन्होंने चेतावनी दी है कि यदि जल्द कार्रवाई नहीं हुई तो वे स्वयं अपनी जमीन पर कब्जा लेकर व्यवसाय शुरू करेंगे।
राजस्व विभाग की निशानदेही में भी ज़मीन साबित, फिर भी लटका है मामला
राजस्व विभाग द्वारा की गई निशानदेही में यह जमीन राजनकांत शर्मा की बताई गई है, लेकिन इसके बावजूद अब तक कोई कार्रवाई नहीं हुई है और विवाद अधर में लटका हुआ है।