Himachal Cabinet Sub-Committee के फैसलों से सरकार को मिला लाभ

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हिमाचल प्रदेश में कैबिनेट सब-कमेटी द्वारा लिए गए निर्णयों से राज्य सरकार को आर्थिक और प्रशासनिक स्तर पर लाभ मिला है।

Economic Pressure: कैबिनेट सब-कमेटी की Recommendations का असर

हिमाचल सरकार की आर्थिक स्थिति को लेकर कैबिनेट सब-कमेटी की रिपोर्ट की Real Reason अब सामने आ गई है। रिपोर्ट के मुताबिक, अगर राज्य सरकार Retirement Age बढ़ाने और Commutation सुविधा बंद करने पर निर्णय लेती है, तो इस वित्त वर्ष में करीब ₹3700 करोड़ की देनदारी टाली जा सकती है। यह रिपोर्ट उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री की अध्यक्षता में तैयार की गई है और मुख्यमंत्री के पास निर्णय के लिए भेजी गई है।

 Big Impact Decisions: रिटायरमेंट उम्र और कम्यूटेशन पर फोकस

सब-कमेटी की रिपोर्ट में दो बड़े सुझाव सामने आए हैं। अगर रिटायरमेंट की उम्र को 58 से बढ़ाकर 59 साल किया जाए, तो सरकार की Pension Liability में इस वर्ष करीब ₹3000 करोड़ की राहत मिल सकती है। हालाँकि यह राशि अगले वर्ष देनी होगी। इसके अलावा, अगर Commutation Benefit को रोका जाए, तो सालाना ₹700 करोड़ की और बचत हो सकती है।

Commutation Explained: एकमुश्त भुगतान सरकार के लिए चुनौती

हिमाचल सरकार Retired Employees को Commutation Rules 1981 के तहत Advance Pension Loan देती है, जो पेंशन का अधिकतम 40% हो सकता है। इसकी भरपाई अगले 15 वर्षों तक 8% ब्याज दर पर पेंशन से की जाती है। Financially ये स्कीम सरकार को नुकसान नहीं देती, लेकिन वर्तमान में सरकार की स्थिति One-Time Payment करने की नहीं है, इसलिए इसे रोकने की सिफारिश की गई है।

 Revenue Challenge: केंद्र से अनुदान में कटौती बनी चिंता

भारत सरकार से मिलने वाला Revenue Deficit Grant इस वर्ष सबसे कम है, जिससे राज्य की आर्थिक स्थिति पर और दबाव आ गया है। ऐसे में सरकार को कुछ Tough Decisions लेने पड़ सकते हैं, ताकि बजट में आ रहे भारी Fiscal Gap को कवर किया जा सके।

Retirement Age Decision: सरकार को लेना होगा Immediate Action

हालाँकि कैबिनेट सब-कमेटी ने सुझाव दे दिए हैं, लेकिन राज्य सरकार को रिटायरमेंट उम्र बढ़ाने पर Immediate Action लेना होगा। वित्त विभाग ने सलाह दी है कि यदि फैसला लेना है तो उसे April End से पहले लागू किया जाए ताकि 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे कर्मचारी भी इसमें शामिल हो सकें। फिलहाल सरकार की Loan Limit भी Budget Needs पूरी करने में सक्षम नहीं दिख रही है।

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