हिमाचल प्रदेश सरकार ने एकीकृत बागबानी विकास मिशन के तहत 61.87 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। इस बजट से राज्य में फलों की प्रोसेसिंग यूनिट, संरक्षित खेती, मशीनरी और जल संसाधन जैसे क्षेत्रों में बागबानी का विकास किया जाएगा।
प्रदेश सरकार ने केंद्र से मांगे 61.87 करोड़ रुपए
हिमाचल प्रदेश सरकार ने एकीकृत बागबानी विकास मिशन (MIDH) के तहत 61.87 करोड़ रुपये की वित्तीय सहायता के लिए केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजा है। यह प्रस्ताव केंद्रीय कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय को मौजूदा वित्त वर्ष के लिए भेजा गया है।
पिछले वर्ष की तुलना में बढ़ा बजट प्रस्ताव
इस बार प्रदेश सरकार ने पिछले वर्ष की तुलना में 21 करोड़ रुपये अधिक की राशि मांगी है। पिछले साल मिशन के लिए 40 करोड़ रुपये का प्रस्ताव भेजा गया था, लेकिन केवल 16.66 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली थी।
साझा भागीदारी में खर्च होगा बजट
मिशन की योजना के अनुसार कुल बजट में से 90% राशि केंद्र सरकार देगी और शेष 10% राज्य सरकार वहन करेगी। इस तरह केंद्र का योगदान 55.68 करोड़ और प्रदेश सरकार का 6.18 करोड़ रुपये रहेगा।
बागबानी विकास के विभिन्न क्षेत्रों पर खर्च
मिशन के अंतर्गत फलों, सब्जियों, मसालों, फूलों, बांस, मशरूम और अन्य फसलों के लिए समग्र विकास की योजना है। नए बागीचों की स्थापना, संरक्षित खेती, जल संसाधन, बागबानी मशीनीकरण और पोस्ट हार्वेस्टिंग प्रबंधन जैसे क्षेत्रों पर खर्च किया जाएगा।
रिसर्च और प्रशिक्षण को भी मिलेगा बढ़ावा
रिसर्च कार्यों के लिए 81.47 लाख रुपये, मानव संसाधन विकास के लिए 75 लाख, और मिशन प्रबंधन पर 1.88 करोड़ रुपये खर्च करने का प्रस्ताव है। इसके अलावा फ्रंटलाइन डेमोंस्ट्रेशन के लिए 3.81 करोड़ रुपये निर्धारित किए गए हैं।
फ्रूट प्रोसेसिंग यूनिट के लिए 5 करोड़ की मांग
प्रदेश सरकार ने फलों की प्रोसेसिंग के लिए 5 करोड़ रुपये का विशेष बजट मांगा है। इससे किसानों को अपने उत्पादों का उचित मूल्य मिलेगा और स्थानीय स्तर पर प्रोसेसिंग की सुविधाएं बढ़ेंगी।
बागबानी मंत्री का बयान
बागबानी मंत्री जगत सिंह नेगी ने बताया कि राज्य सरकार ने केंद्र को 61 करोड़ का प्रस्ताव भेजा है ताकि बागबानी क्षेत्र में कुछ नए कार्य शुरू किए जा सकें। उन्होंने कहा कि इस बार अधिक बजट की मांग की गई है ताकि किसानों को बेहतर सुविधाएं मिल सकें।