अनुदान में कटौती रोकने को सीएम सुक्खू का एक्शन, अफसरों को मजबूत तर्कों वाला मेमोरेंडम बनाने के निर्देश

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हिमाचल के सीएम सुक्खू ने केंद्र से मिलने वाले राजस्व घाटा अनुदान में संभावित कटौती रोकने को अफसरों की टीम को ठोस तर्कों के साथ मेमोरेंडम तैयार करने को कहा है।

केंद्र से मिलने वाले फंड में कटौती रोकने की हिमाचल सरकार की तैयारी

हिमाचल सरकार केंद्र या 16वें वित्त आयोग द्वारा मिलने वाले Revenue Deficit Grant में संभावित कटौती को रोकने के लिए पूरी तरह से एक्टिव हो चुकी है। मुख्यमंत्री Sukhvinder Singh Sukhu ने एक विशेष मेमोरेंडम तैयार करने के निर्देश अफसरों की एक कमेटी को दिए हैं। इस रिपोर्ट के साथ अगली बैठक में मुख्यमंत्री खुद Finance Commission के सामने राज्य का पक्ष रखेंगे।

अनुदान नहीं, हिमाचल के लिए ये मुआवजा है: सरकार का नया तर्क

इस बार सरकार पहली बार Revenue Deficit Grant (RDG) को एक अनुदान नहीं, बल्कि Post-Devolution Compensation यानी मुआवजा के रूप में पेश कर रही है। रिपोर्ट में कहा गया है कि हिमाचल की बहुत सी संस्थाएं और सुविधाएं आत्मनिर्भरता नहीं बल्कि सामाजिक न्याय और स्थानीय जरूरतें पूरी करने के लिए बनी हैं — यही कारण है कि हिमाचल को Special Category State का दर्जा मिला हुआ है।

 टैक्स कलेक्शन और GST कंपनसेशन पर भी जताई आपत्ति

रिपोर्ट में यह भी तर्क दिया गया है कि हिमाचल घाटे में इसलिए है क्योंकि केंद्र सरकार की ओर से कर संग्रह में हिस्सेदारी कम है और GST Compensation भी बंद कर दिया गया है। साथ ही 14वें और 15वें वित्त आयोग की तुलना करते हुए दिखाया गया है कि हिमाचल को किस तरह कम ग्रांट मिली।

ग्रांट में गिरावट: 15वें आयोग में घटी राशि

14वें वित्त आयोग (2015-2020) में हिमाचल को ₹40,624 करोड़ की ग्रांट मिली थी, जबकि 15वें वित्त आयोग (2021-2026) में ये घटकर ₹37,199 करोड़ रह गई। खास बात यह है कि 15वें आयोग की ग्रांट को हर साल Taper किया गया। 2021-22 में जहां ₹10,249 करोड़ मिले थे, वहीं अब 2025-26 तक यह घटकर सिर्फ ₹3,257 करोड़ रह गए हैं।

 डिजास्टर इंडेक्स में पहाड़ी राज्यों को मिल रहा है कम वेटेज

हिमाचल सरकार यह भी मुद्दा उठाएगी कि Disaster Index का मौजूदा सिस्टम Coastal States के हित में बना हुआ है, जबकि पहाड़ी राज्यों की आपदाओं को कम तवज्जो दी जा रही है। सरकार ने इसे भी मेमोरेंडम में शामिल किया है और इस इंडेक्स को फिर से संतुलित करने की मांग रखी है।

 हर साल चाहिए 8000 करोड़ से अधिक की RDG ग्रांट

राज्य सरकार का कहना है कि अगले वित्तीय वर्ष से हिमाचल को हर साल कम से कम ₹8,000 करोड़ की Revenue Deficit Grant मिलनी चाहिए, तभी घाटे की भरपाई हो सकेगी। सरकार अब केंद्र से मिलने वाली Post-Devolution Share में भी बढ़ोतरी की मांग कर रही है। अभी राज्य को 0.83% के फार्मूले से फंड मिलता है।

 फॉरेस्ट कवर और इकोलॉजिकल सर्विसेस की रिपोर्ट भी होगी आधार

राज्य सरकार ने Forest Cover, Ecological Services और आपदा जोखिम को आधार बनाकर एक नई स्ट्रैटेजी तैयार की है। इसके लिए Indian Institute of Forest Management (IIFM), Bhopal से रिपोर्ट तैयार करवाई गई है, ताकि यह साबित किया जा सके कि हिमाचल की पर्यावरणीय सेवाएं पूरे देश के लिए अहम हैं।

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