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हिमाचल में दोपहिया वाहनों से जुड़े 886 हादसे, 276 की मौत; ऊना, सिरमौर, मंडी, कांगड़ा और बद्दी सबसे अधिक प्रभावित

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प्रदेश में 886 दोपहिया सडक़ दुर्घटनाओं में 276 लोगों की मौत हुई है। दोपहिया सडक़ दुर्घटनाओं में दोपहिया वाहनों पर सवार 316 लोगों को आई गंभीर चोटें आई हैं, जबकि 869 लोगों को मामूली चोटें आई हैं। हिमाचल प्रदेश में दोपहिया वाहनों की 2024 की सडक़ यातायात दुर्घटनाओं पर एक अध्ययन रिपोर्ट में इसका खुलासा हुआ है।

हिमाचल प्रदेश में दोपहिया वाहनों से जुड़े 886 सड़क हादसों में 276 लोगों की जान चली गई। सबसे अधिक मामले ऊना, सिरमौर, मंडी, कांगड़ा और बद्दी से सामने आए हैं।

886 दोपहिया हादसे, 276 लोगों की गई जान

हिमाचल प्रदेश में वर्ष 2024 के दौरान दोपहिया वाहनों से संबंधित कुल 886 सड़क दुर्घटनाएं हुईं, जिनमें 276 लोगों की मौत हो गई। इसके अलावा 316 लोग गंभीर रूप से घायल हुए और 869 लोगों को मामूली चोटें आईं। यह आंकड़े एक आधिकारिक सड़क दुर्घटना अध्ययन रिपोर्ट में सामने आए हैं।

 हेलमेट पहनने वालों की तुलना में बिना हेलमेट वालों में ज्यादा मौतें

रिपोर्ट के अनुसार, हेलमेट पहनने वाले चालकों में 81 की मौत और 109 गंभीर रूप से घायल हुए। वहीं, बिना हेलमेट चलाने वालों में 67 की मौत और 30 गंभीर रूप से घायल हुए। मामूली रूप से घायल लोगों की संख्या भी हेलमेट न पहनने वालों में ज्यादा रही।

 पीछे बैठने वालों पर भी भारी पड़ा हेलमेट न पहनना

हेलमेट पहनने वाले पीछे बैठे सवारों में 13 की मौत और 19 गंभीर रूप से घायल हुए, जबकि बिना हेलमेट पीछे बैठे सवारों में 51 की मौत और 24 गंभीर रूप से घायल हुए। ये आंकड़े हेलमेट की अनिवार्यता को और भी स्पष्ट करते हैं।

 सबसे अधिक हादसे इन 5 जिलों में

दुर्घटनाओं, मौतों और चोटों के मामले में पांच जिले सबसे आगे हैं:

ऊना: 115 दुर्घटनाएं, 46 मौतें

सिरमौर: 100 दुर्घटनाएं, 28 मौतें

मंडी: 99 दुर्घटनाएं, 27 मौतें

कांगड़ा: 94 दुर्घटनाएं, 33 मौतें

बद्दी (पुलिस जिला): 82 दुर्घटनाएं, 37 मौतें

इन जिलों में मामूली और गंभीर चोटों के आंकड़े भी चिंताजनक हैं।

 राष्ट्रीय राजमार्ग पर सबसे ज्यादा जानलेवा हादसे

राष्ट्रीय राजमार्गों पर सबसे ज्यादा खतरा नजर आया। 464 दुर्घटनाओं में 144 लोगों की मौत हुई, जो कि कुल मृतकों का बड़ा हिस्सा है। ये आंकड़े बताते हैं कि हाई स्पीड जोन में सुरक्षा उपायों की और सख्त जरूरत है।

 जागरूकता अभियानों का असर दिखने लगा

एआईजी ट्रैफिक, टूरिस्ट एवं रेलवे पुलिस विनोद कुमार ने कहा कि जागरूकता अभियानों ने लोगों को सेफ ड्राइविंग के लिए प्रेरित किया है। तेज रफ्तार, नशे में ड्राइविंग और हेलमेट न पहनने जैसे जोखिमपूर्ण व्यवहारों पर लगाम लगाने में यह पहल सफल रही है।

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