सरकार ने प्रदेश के प्रमुख मंदिरों को ई-क्नेक्विटी से जोडऩे के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं, जिसके अंतर्गत श्रद्धालु हवन, भंडारा और जागरण जैसे धार्मिक अनुष्ठानों के लिए ऑनलाइन बुकिंग करवा सकते हैं।हिमाचल प्रदेश सरकार मंदिरों को ई-कनेक्टिविटी से जोड़ने की पहल कर रही है। मुख्यमंत्री ने प्रदेश की समृद्ध धार्मिक विरासत को डिजिटल माध्यम से विश्व तक पहुंचाने की योजना साझा की।
श्रद्धालुओं के लिए मंदिरों को रज्जू मार्ग से जोड़ने की तैयारी
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने कहा कि प्रदेश सरकार श्रद्धालुओं के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए पहाड़ी मंदिरों को रोपवे (रज्जू मार्ग) से जोड़ने की दिशा में काम कर रही है, ताकि श्रद्धालु बिना कठिनाई के दर्शन कर सकें।
प्रमुख मंदिरों को मिल रही ई-कनेक्टिविटी की सुविधा
मुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार प्रदेश के प्रमुख मंदिरों को ई-कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए कई योजनाएं चला रही है। अब श्रद्धालु हवन, भंडारा और जागरण जैसे धार्मिक अनुष्ठानों के लिए ऑनलाइन बुकिंग करवा सकते हैं।
श्रीमद्भागवत महासत्र में भाग लेकर बांटी धार्मिक सीख
मुख्यमंत्री सुक्खू ने केरल के श्री भगवती मंदिर, अलप्पुझा में आयोजित 42वें अखिल भारत श्रीमद्भागवत महासत्र में भाग लिया। उन्होंने कहा कि भागवत पुराण सच्चे आनंद की अनुभूति ईश्वर की भक्ति और सद्गुणों को अपनाने से करवाता है।
गोपिका संगम की भव्यता को सराहा
सीएम ने ‘गोपिका संगम’ की सराहना की, जिसमें 16008 गोपिकाएं और बच्चे शामिल थे। उन्होंने इसे भक्ति और एकता का अद्वितीय संगम बताया।
केरल को बताया आध्यात्मिकता का केंद्र
मुख्यमंत्री ने कहा कि केरल एक ऐसा स्थान है जहां आध्यात्मिकता और संस्कृति गहराई से जुड़ी हुई हैं। उन्होंने इस तरह के आयोजनों को आस्था और एकता का सेतु बताया, जो अलग-अलग राज्यों को जोड़ते हैं।
हिमाचल की समृद्ध धार्मिक विरासत पर प्रकाश
सुक्खू ने हिमाचल को ‘देवभूमि’ बताते हुए कहा कि यहां शक्तिपीठ, प्राचीन मंदिर और आध्यात्मिक स्थल हैं, जहां लाखों श्रद्धालु आकर शांति का अनुभव करते हैं।
धार्मिक मेलों से सजीव रहती है संस्कृति
मुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में हर साल चार अंतरराष्ट्रीय, पांच राष्ट्रीय और 23 राज्य स्तरीय मेले आयोजित होते हैं, जो प्रदेश की समृद्ध धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत को उजागर करते हैं।