हिमाचल प्रदेश में गर्मियों की शुरुआत के साथ ही जंगलों में आग लगने की घटनाएं बढ़ गई हैं। पिछले 9 दिनों में 113 हेक्टेयर वन क्षेत्र जलकर राख हो चुका है, जिससे वन संपदा को भारी नुकसान हुआ है।
गर्मी बढ़ते ही जंगलों में धधकने लगी आग
जैसे-जैसे तापमान बढ़ रहा है, हिमाचल प्रदेश के जंगलों में आग लगने की घटनाएं भी तेजी से बढ़ने लगी हैं। पिछले 9 दिनों के भीतर वन विभाग के 7 सर्कलों में जंगलों में आग की 15 घटनाएं दर्ज की गई हैं, जिससे 113.85 हेक्टेयर वन क्षेत्र प्रभावित हुआ है।
इन सर्कलों में सबसे ज्यादा घटनाएं दर्ज
1 से 9 अप्रैल के बीच बिलासपुर सर्कल में आग की तीन घटनाएं सामने आईं। इसी अवधि में धर्मशाला सर्कल में भी तीन, ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में एक, मंडी में एक, नाहन में एक, शिमला में दो और सोलन सर्कल में एक जंगल में आग की घटना दर्ज की गई।
मंडी और बिलासपुर में सबसे अधिक नुकसान
बिलासपुर सर्कल में 30 हेक्टेयर, मंडी में 54 हेक्टेयर वन भूमि पर आग ने भारी नुकसान पहुंचाया। इसके अलावा धर्मशाला में 3.5 हेक्टेयर, ग्रेट हिमालयन नेशनल पार्क में 10 हेक्टेयर, नाहन में 8 हेक्टेयर, शिमला में 3.35 हेक्टेयर और सोलन में 5 हेक्टेयर भूमि प्रभावित हुई।
अप्रैल से जुलाई तक जंगलों के लिए खतरे की घंटी
वन विभाग के अनुसार अप्रैल से जुलाई का समय जंगलों के लिए अति संवेदनशील माना जाता है। इन चार महीनों में करीब 70% वनाग्नि की घटनाएं दर्ज होती हैं, जो पर्यावरण और जैव विविधता दोनों के लिए गंभीर खतरा हैं।
हर साल बढ़ रही आग की घटनाएं, दावे खोखले
पिछले साल गर्मियों में प्रदेश में 2,410 आग की घटनाएं दर्ज हुई थीं, जिसमें 30,788 हेक्टेयर वन क्षेत्र जलकर राख हो गया था। वन विभाग भले ही हर साल बड़े-बड़े दावे करता है, लेकिन आंकड़े बता रहे हैं कि आग की घटनाएं लगातार बढ़ती जा रही हैं।