पिछले 24 घंटों में हिमाचल प्रदेश में आए भीषण Storm (आंधी-तूफान) ने जनजीवन अस्त-व्यस्त कर दिया। 100 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से चली हवाओं ने चंबा, डलहौजी, मंडी, कुल्लू, हमीरपुर, बिलासपुर, सोलन और शिमला जैसे जिलों में भारी नुकसान पहुंचाया।
210 किलोमीटर लंबी तूफानी रेखा का असर
मौसम विशेषज्ञों के अनुसार, इस तबाही के पीछे एक 210 किलोमीटर लंबी तूफानी रेखा (Storm Line) है जो उत्तर-पूर्व से दक्षिण-पश्चिम तक फैली है और राज्य के बड़े हिस्से को प्रभावित कर रही है। बुधवार देर रात तूफान ने कई इलाकों में पेड़ गिरा दिए और बिजली के खंभों को उखाड़ दिया, जिससे सैकड़ों गांवों में अंधेरा छा गया।
फसलें तबाह: गेहूं, सेब और सब्जियों को भारी नुकसान
Hailstorm (ओलावृष्टि) और तेज हवाओं के चलते मैदानी इलाकों में गेहूं की फसल, जबकि शिमला, कुल्लू और चंबा में सेब के बागीचे बुरी तरह प्रभावित हुए हैं। साथ ही, आम, बेर, खुबानी, आड़ू, फूलगोभी और मटर जैसी फसलें भी खराब हो गईं।
कांगड़ा में उड़ गए शादी समारोहों के टेंट
Kangra (कांगड़ा) जिले में शादी समारोह के लिए लगाए गए Tents (टेंट) तेज हवाओं में उड़ गए। कुछ स्थानों पर 85 से 100 KM/H की रफ्तार से हवाएं चलीं, जिससे पानी की टंकियां, छतें, और पेड़ तक गिर गए। Communication और Transport व्यवस्था भी बुरी तरह से प्रभावित हुई।
शिमला में बिजली बंद होने से पानी की सप्लाई पर असर
Shimla (शिमला) में बिजली बाधित होने से पानी की आपूर्ति 42 MLD से घटकर 37.44 MLD रह गई। हालांकि, SJPNL के जनसंपर्क अधिकारी साहिल शर्मा ने कहा कि ढली, संजौली और रिज टैंकों में पर्याप्त पानी स्टोर होने के कारण जल आपूर्ति प्रभावित नहीं हुई है।
18-19 अप्रैल के लिए फिर से चेतावनी जारी
मौसम विभाग (IMD) ने चंबा, कांगड़ा, कुल्लू, शिमला और लाहौल-स्पीति जिलों में Orange Alert (ऑरेंज अलर्ट) जारी किया है। अन्य क्षेत्रों के लिए Yellow Alert है। तापमान में 5 से 7°C की गिरावट होगी, जो 21 अप्रैल से फिर से बढ़ेगा।