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Himachal News: नदी किनारे बसे 10 गांव सुरक्षा घेरे से होंगे बाहर

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लिहाजा पिन पार्वती नदी के तट में बसे गांव सोत, सैंज, बकशाल, खराटला, तरेहड़ा, तलाड़ा सपांगनी, बिहाली, लारजी आदि गांव इस वर्ष भी खतरे के साए में जीने को मजबूर होंगे। अगस्त सितंबर में बरसात चरम पर रहती है तथा इस बार पार्वती नदी भी सैंज नदी के साथ जुड़ चुकी है, जिसके चलते पानी का जलस्तर सामान्य से ऊपर रहेगा। हिमाचल प्रदेश में नदी किनारे बसे 10 गांव अब सुरक्षा घेरे से बाहर होंगे।

सरकार और प्रशासन ने नए नियमों के तहत इन गांवों को हाई-रिस्क जोन से हटाने का निर्णय लिया है। पार्वती परियोजना: सैंज नदी के साथ

जोड़ी गई पार्वती नदी

एनएचपीसी ने पार्वती परियोजना चरण दो के तहत पार्वती नदी को सैंज नदी से जोड़ दिया है, जिससे जलस्तर बढ़ने की संभावना है। हालांकि, नदी किनारे सुरक्षा तटीकरण की योजना अब तक अधर में लटकी हुई है।

सैंज बाजार: आपदा प्रबंधन में लापरवाही

सैंज बाजार, जो दो वर्ष पूर्व प्राकृतिक आपदा का शिकार हुआ था, अब भी सुरक्षा घेरे से बाहर है। सरकार और विभाग की तैयारियां नदारद हैं, जिससे ग्रामीणों को हर बरसात के मौसम में खतरे का सामना करना पड़ता है।

खतरे में रहेंगे ये गांव

सोत, सैंज, बकशाल, खराटला, तरेहड़ा, तलाड़ा, सपांगनी, बिहाली और लारजी जैसे गांव इस बार भी बाढ़ के संभावित खतरे में हैं। पार्वती और सैंज नदी के जलस्तर में वृद्धि से इन क्षेत्रों में बाढ़ का खतरा मंडरा रहा है।

एनएचपीसी का बजट, लेकिन काम सुस्त

एनएचपीसी ने तटीकरण के लिए 3.74 करोड़ रुपये का बजट स्वीकृत किया, लेकिन जल शक्ति विभाग और ठेकेदार निर्माण कार्य को लेकर सुस्त बने हुए हैं।

2023 में बाढ़ ने मचाई थी तबाही

पिछले साल जुलाई में आई बाढ़ से सैंज बाजार और आसपास के गांवों में बड़ी तबाही हुई थी। सैकड़ों बीघा उपजाऊ जमीन और कई मकान बाढ़ में समा गए थे। इस बार भी हालात चिंताजनक बने हुए हैं।

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