रामनवमी पर शक्तिपीठों में उमड़ा भक्तों का सैलाब, 1.74 लाख श्रद्धालुओं ने नवाया शीष चैत्र नवरात्र में रामनवमी के दिन रविवार को 1.74 लाख श्रद्धालुओं ने मइया के चरणों में शीष नवाया। चैत्र नवरात्र मेले में विभिन्न राज्यों से आने वाले श्रद्धालु मइया के चरणों में दिल खोल कर चढ़ावा चढ़ा रहे हैं।
रामनवमी के अवसर पर हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी। कुल 1.74 लाख भक्तों ने पूजा-अर्चना की, जिसमें नैना देवी, बाला सुंदरी, चिंतपूर्णी समेत प्रमुख मंदिरों में विशेष रौनक रही।
1.74 लाख श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में नवाया शीष
चैत्र नवरात्र के नवमीं दिन रविवार को हिमाचल प्रदेश के शक्तिपीठों में 1.74 लाख श्रद्धालुओं ने मां के चरणों में शीष नवाया। विभिन्न राज्यों से आने वाले भक्तों ने मइया के चरणों में दिल खोलकर चढ़ावा चढ़ाया।
अष्टमी के दिन चढ़े 29 लाख से अधिक का चढ़ावा
चैत्र नवरात्र के अष्टमी दिन चिंतपूर्णी, ज्वालाजी और ब्रजेश्वरी देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं ने मिलकर 29 लाख 37 हजार 552 रुपए का नकद चढ़ावा मां के चरणों में चढ़ाया।
प्रमुख शक्तिपीठों में श्रद्धालुओं की भीड़
नवरात्र मेले के नवमीं के दिन चिंतपूर्णी, ज्वालाजी, नयनादेवी, बज्रेश्वरी देवी और चामुंडा देवी मंदिरों में श्रद्धालुओं की कतारें लगी रहीं। ऊना के उपायुक्त जतिन लाल ने बताया कि चिंतपूर्णी मंदिर में लगभग 35 हजार श्रद्धालुओं ने शीष नवाया।
अष्टमी के दिन मंदिर न्यास को प्राप्त चढ़ावा
नवरात्र मेले के अष्टमी दिन मंदिर न्यास को 9 लाख 67 हजार 175 रुपए का नकद चढ़ावा प्राप्त हुआ। यह चढ़ावा श्रद्धालुओं के आस्था और भक्तिभाव का प्रतीक है।
प्रमुख मंदिरों में नवमीं के दिन श्रद्धालुओं की उपस्थिति
नयनादेवी मंदिर: 70 हजार श्रद्धालुओं ने शीष नवाया।
ज्वालाजी मंदिर: 27 हजार श्रद्धालुओं ने माथा टेका।
बज्रेश्वरी देवी मंदिर: 34 हजार श्रद्धालुओं ने पूजा-अर्चना की।
चामुंडा देवी मंदिर: 8 हजार श्रद्धालुओं ने शीष नवाया।
नवमीं दिन चढ़े करोड़ों के चढ़ावे
मंदिर अधिकारी मनोहर लाल शर्मा ने बताया कि नवमीं के दिन मंदिर न्यास को 14 लाख 74 हजार 341 रुपए का नकद चढ़ावा प्राप्त हुआ। बज्रेश्वरी देवी मंदिर में 4 लाख 96 हजार 36 रुपए का चढ़ावा प्राप्त हुआ।
श्रद्धालुओं के लिए किए गए प्रबंध
चामुंडा देवी मंदिर के राकेश कुमार ने बताया कि नवरात्र मेले के दौरान श्रद्धालुओं के लिए विशेष प्रबंध किए गए थे ताकि उनकी यात्रा सुरक्षित और सुखद रही।
श्रद्धा और आस्था का अनूठा प्रतीक
चैत्र नवरात्र के इस आयोजन में श्रद्धालुओं ने अपनी अटूट आस्था और प्रेम से शक्तिपीठों को अलौकिक बना दिया, जो हिमाचल प्रदेश की धार्मिक और सांस्कृतिक विरासत का प्रतीक है।