खेल ऐसा कि बच्चे से बूढ़े तक सब मशगूल, सभी का एक ही टारगेट!

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एक ऐसा खेल जो बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक को कर रहा है व्यस्त। हर उम्र के लोग इस खेल में दिखा रहे हैं जबरदस्त उत्साह—सभी का बस एक ही टारगेट है जीतना!

IPL का रोमांच चरम पर, हर कोई क्रिकेट के रंग में रंगा

भारत में इन दिनों दुनिया की सबसे बड़ी क्रिकेट लीग IPL का 18वां सीजन खेला जा रहा है। हर दिन फ्रेंचाइज़ी टीमों के बीच धमाकेदार मुकाबले हो रहे हैं। स्टेडियम दर्शकों से भरे हैं, और लाखों लोग टीवी व JioCinema जैसे प्लेटफॉर्म पर मैचों का आनंद ले रहे हैं।

फैंटेसी ऐप्स का बढ़ता जादू, क्रिकेट से भी ज्यादा क्रेज

IPL के इस जबरदस्त माहौल के बीच, एक और चीज़ है जो लोगों का ध्यान खींच रही है—फैंटेसी क्रिकेट ऐप्स। लोग इन ऐप्स के जरिए रातोंरात करोड़पति बनने का सपना देख रहे हैं। Dream11 और My11Circle जैसी ऐप्स पर करोड़ों यूज़र्स हर दिन अपनी किस्मत आज़मा रहे हैं।

हर उम्र के लोग फैंटेसी क्रिकेट की दौड़ में शामिल

बच्चों से लेकर बुजुर्गों तक, सभी इस क्रेज में शामिल हो चुके हैं। कई लोग तो क्रिकेट के नियम तक नहीं जानते, फिर भी रोज़ फैंटेसी टीम बनाकर करोड़ों जीतने की उम्मीद में पैसे लगा रहे हैं। महिलाएं भी इस डिजिटल जुए से अछूती नहीं हैं।

 49 रुपये में तीन करोड़ जीतने का सपना

IPL के दौरान इन ऐप्स पर मुकाबलों की भरमार होती है—करीब 72 मैचों में लोग 49 रुपये से लेकर हज़ारों रुपये तक निवेश कर रहे हैं। पहली रैंक पाने वाले को तीन करोड़ रुपये तक मिलते हैं, लेकिन लाखों में सिर्फ एक को ही जीत मिलती है। बाकी लोग अपनी मेहनत की कमाई गंवा बैठते हैं।

 हर दिन करोड़ों गंवाकर अमीर बनने की चाह

कुछ लोग हर दिन 20 से ज्यादा टीम बनाते हैं। यह लालच कई परिवारों को आर्थिक तंगी की ओर धकेल रहा है। ऐसे उदाहरण भी हैं जहां लोग करोड़पति बनने के चक्कर में कंगाल हो गए हैं।

सरकार को हो रही है भारी कमाई, कार्रवाई की उम्मीद नहीं
फैंटेसी ऐप्स भले ही लोगों को आर्थिक नुकसान पहुंचा रहे हों, लेकिन सरकार इन पर कोई सख्त कदम नहीं उठा रही। वजह है इनसे होने वाली मोटी कमाई—जीती गई राशि में से 30% टैक्स सरकार को मिलता है। इसी के चलते सरकार भी इन ऐप्स पर चुप्पी साधे हुए है।

फैंटेसी क्रिकेट क्या है कानूनी? जानिए हकीकत
भारतीय कानून के तहत, अगर कोई खेल “कौशल आधारित” हो, तो उसे कानूनी माना जाता है। सुप्रीम कोर्ट ने भी माना है कि फैंटेसी क्रिकेट पूरी तरह से कौशल पर आधारित है, न कि किस्मत पर। इसलिए Dream11 जैसे प्लेटफॉर्म वैध हैं और इन्हें जुए के दायरे में नहीं गिना जाता।

कोर्ट के फैसले ने दी वैधता की मुहर
राजस्थान हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट दोनों ने यह स्पष्ट कर दिया है कि फैंटेसी गेम्स जैसे ड्रीम11 कौशल के खेल हैं। Federation of Indian Fantasy Sports (FIFS) भी इन ऐप्स को सेल्फ-रेगुलेट करता है, जिससे इनकी वैधता और बढ़ जाती है।

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