प्रदेश सरकार की बेशकीमती संपत्ति होटल वाइल्ड फ्लॉवर हॉल को कुछ समय के लिए ओबेरॉय गु्रप के पास ही रखने के लिए नए सिरे से सरकार एग्रीमेंट करेगी। शनिवार को होने वाली कैबिप्रदेश सरकार की बेशकीमती संपत्ति होटल वाइल्ड फ्लॉवर हॉल को कुछ समय के लिए ओबेरॉय गु्रप के पास ही रखने के लिए नए सिरे से सरकार एग्रीमेंट करेगी। शनिवार को होने वाली कैबिनेट की बैठक में उनके साथ होने वाले एग्रीमेंट को रखा जाएगा, जिस पर चर्चा करने के बाद मंत्रिमंडल इसे मंजूरी दे सकता है।नेट की बैठक में उनके साथ होने वाले एग्रीमेंट को रखा जाएगा, जिस पर चर्चा करने के बाद मंत्रिमंडल इसे मंजूरी दे सकता है।
हिमाचल प्रदेश सरकार की बेशकीमती संपत्ति होटल वाइल्ड फ्लॉवर हॉल को कुछ समय के लिए फिर से ओबेरॉय ग्रुप को संचालित करने की तैयारी है। शनिवार को कैबिनेट बैठक में नए एग्रीमेंट ड्राफ्ट पर चर्चा होगी। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद यह फैसला अस्थायी रूप से लागू होगा, जब तक नया बिडर नहीं मिल जाता।
सरकार फिर करेगी ओबेरॉय ग्रुप के साथ नया एग्रीमेंट
हिमाचल प्रदेश सरकार की बहुमूल्य संपत्ति होटल वाइल्ड फ्लॉवर हॉल को अस्थायी रूप से ओबेरॉय ग्रुप के पास ही बनाए रखने के लिए एक नया एग्रीमेंट किया जाएगा। शनिवार को कैबिनेट बैठक में इस प्रस्ताव को रखा जाएगा, जिस पर मंत्रिमंडल चर्चा कर निर्णय ले सकता है।
अस्थायी रूप से संचालन की मिलेगी अनुमति
कैबिनेट की मंजूरी के बाद ओबेरॉय ग्रुप को होटल का संचालन तब तक करने की अनुमति होगी, जब तक सरकार को इसके लिए कोई नया बिडर नहीं मिल जाता। यह कदम होटल के संचालन में अंतराल न आने देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
निदेशक मंडल की बैठक में हुआ विचार-विमर्श
शुक्रवार को मशोबरा होटल लिमिटेड के निदेशक मंडल की बैठक हुई, जिसमें ओबेरॉय ग्रुप के साथ संभावित एग्रीमेंट को लेकर चर्चा की गई। गौरतलब है कि पहले इस बोर्ड में ओबेरॉय ग्रुप के सदस्य भी शामिल थे, लेकिन सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार 31 मार्च के बाद से वे बोर्ड में शामिल नहीं हैं।
एग्रीमेंट ड्राफ्ट होगा कैबिनेट के सामने पेश
शुक्रवार को जो बैठक हुई, वह पूरी तरह सरकार द्वारा नियुक्त निदेशकों के साथ की गई थी। इसमें एग्रीमेंट की अवधि और शर्तों पर चर्चा हुई। इस ड्राफ्ट को अब कैबिनेट के सामने रखा जाएगा, जहां अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
नया बिडर तलाशने की प्रक्रिया जल्द होगी शुरू
सरकार ने एक एजेंसी को नया बिडर ढूंढने का कार्य सौंपा है। यह एजेंसी टेंडर प्रक्रिया को आगे बढ़ाएगी और सबसे बेहतर बोली लगाने वाली कंपनी को होटल संचालन की जिम्मेदारी सौंपी जाएगी।
हर माह ₹1.78 करोड़ देगी ओबेरॉय ग्रुप
सुप्रीम कोर्ट के आदेश के अनुसार, जब तक ओबेरॉय ग्रुप होटल का संचालन करता है, उसे प्रतिमाह ₹1.78 करोड़ सरकार को देने होंगे। इसके अलावा, उन्होंने 18 प्रतिशत की दर से ₹125 करोड़ कोर्ट में जमा करवाए हैं।
हाई कोर्ट में लंबित है अलग कानूनी मामला
हालांकि पिछली बकाया राशि पर निर्णय अभी नहीं हुआ है, जिसे ओबेरॉय ग्रुप को चुकाना होगा। ग्रुप और सरकार के बीच चल रहा एक अन्य कानूनी विवाद 6 अप्रैल को हाई कोर्ट में सूचीबद्ध है, पर यह संचालन से जुड़ा मामला नहीं है।