किसानों को मक्की की फसल में हुए नुकसान के लिए 22 करोड़ रुपये का मुआवजा प्रदान किया गया है। इस सहायता से प्रभावित किसान अपनी वित्तीय स्थिति को सुधार सकेंगे और आगे की फसल के लिए तैयारी कर सकेंगे।
राज्य सरकार ने यह मुआवजा किसानों की मेहनत और कठिनाईयों को ध्यान में रखते हुए दिया है। किसानों ने मौसम के कारण अपनी फसल में भारी नुकसान झेला था, और इस सहायता से उन्हें कुछ राहत मिलेगी।
सरकार ने प्रभावित किसानों को समय पर मुआवजा देने की अपनी प्रतिबद्धता जताई है, ताकि उन्हें आर्थिक संकट का सामना न करना पड़े। किसान संगठनों ने भी इस पहल की सराहना की है और आगे भी ऐसी सहायता की उम्मीद जताई है।
वर्ष 2023 में कृतिक आपदा के कारण किसानों की फसलों को हुए भारी नुकसान के लिए प्रदेश के किसानों को 21 करोड़ 89 लाख रुपये का मुआवजा प्रदान किया जा रहा है। यह राशि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना के तहत सीधे किसानों के खातों में डाली जा रही है, जिससे उन्हें राहत मिली है।
अब तक 16 करोड़ 94 लाख रुपये की राशि किसानों के खातों में भेजी जा चुकी है, जबकि शेष 4 करोड़ 95 लाख रुपये जल्द ही ट्रांसफर किए जाएंगे। हालांकि, कुछ खातों में त्रुटियों के कारण कुछ राशि अभी तक नहीं पहुंच पाई है, जिसे सुधारने का कार्य जारी है।
मुआवजा राशि का वितरण इस प्रकार है:
- हमीरपुर: 10 करोड़ रुपये
- कांगड़ा: 5 करोड़ 54 लाख रुपये
- ऊना: 3 करोड़ 67 लाख रुपये
- बिलासपुर: 1 करोड़ 87 लाख रुपये
- सिरमौर: 37 लाख 19 हजार रुपये
- सोलन: 22 लाख 70 हजार रुपये
- मंडी: 12 लाख 57 हजार रुपये
- चंबा: 6 लाख 71 हजार रुपये
- कुल्लू: 65 हजार रुपये
हिमाचल प्रदेश कृषि निदेशालय के संयुक्त निदेशक डा. अतुल डोगरा ने बताया कि किसान प्राकृतिक आपदा से फसलों के नुकसान की जानकारी 72 घंटे के भीतर प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना ऐप पर दर्ज कराएं, ताकि इंशोरेंस कंपनी के प्रतिनिधि समय पर नुकसान का मूल्यांकन कर सकें।