तिब्बती बौद्ध धर्मगुरु दलाईलामा ने कहा कि तिब्बत में चीन की सख्ती के बावजूद, तिब्बत और अन्य देशों में बौद्ध अनुयायियों की संख्या और बौद्ध धर्म के प्रति रुचि बढ़ रही है। उन्होंने यह बात सोमवार को मुख्य तिब्बती बुद्ध विहार, मकलोडगंज में आयोजित दो दिवसीय प्रवचन के दौरान कही।
दलाईलामा ने बताया कि चीन में पिछले कुछ वर्षों से बुद्ध के शासन को लेकर तर्क और समझ का प्रयास किया जा रहा है। उन्होंने मजाक करते हुए कहा, “मैंने चाय पी ली, अब मैं भी चाय पी लूं।”
आंतरिक विकास और शांति का महत्व
चुग्लाखंग बौद्ध मठ में ताईवान से आए बौद्ध भिक्षुओं और अन्य अनुयायियों को प्रवचन देते हुए, दलाईलामा ने कहा कि आज की दुनिया केवल भौतिक विकास की लालसा में जकड़ी हुई है, जबकि आंतरिक विकास और शांति का अभाव है। उन्होंने दया और करुणा के सिद्धांतों को अपनाने की आवश्यकता पर बल दिया, ताकि शांति प्राप्त की जा सके।
श्रद्धालुओं की भीड़ और सुरक्षा इंतजाम
दलाईलामा का दो दिवसीय टीचिंग कार्यक्रम शुरू हो चुका है, जिसमें देश-विदेश से करीब सात हजार श्रद्धालु शामिल हुए हैं। इस कार्यक्रम के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे, और प्रवचन डेढ़ घंटे तक चला।
पर्यटन कारोबार को मिली संजीवनी
दलाईलामा की टीचिंग ने मकलोडगंज के पर्यटन कारोबार को नई गति दी है। होटल मालिकों ने बताया कि टीचिंग कार्यक्रम को लेकर ऑनलाइन एडवांस बुकिंग का सिलसिला शुरू हो गया है, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को लाभ होगा।
दलाईलामा का यह प्रवचन न केवल धार्मिकता का संदेश देता है, बल्कि वैश्विक शांति की आवश्यकता को भी रेखांकित करता है।