(एचआरटीसी) का स्थापना दिवस बुधवार को है, और यह वर्ष 1974 से शुरू हुए सफर को पूरा करने जा रहा है। इस मौके का जश्न 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा। मंगलवार को उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्रिहोत्री ने एचआरटीसी के मुख्यालय में पहुंचकर वॉल ऑफ ऑनर का अनावरण किया, जिसमें निगम के 50 साल की यात्रा को दर्शाया गया है।
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि एचआरटीसी सामाजिक सरोकार निभा रहा है, जिसने कठिन परिस्थितियों में भी प्रदेश के लोगों को घरों तक पहुंचाया है। उन्होंने यह भी बताया कि एचआरटीसी घाटे में चल रहा है, लेकिन इसे सामाजिक दायित्वों की दृष्टि से देखना चाहिए। एचआरटीसी द्वारा रोजाना 50 लाख रुपए का रियायती सफर प्रदान किया जा रहा है, जिसमें 27 श्रेणियों के लोग लाभ उठा रहे हैं। इसके लिए सरकार से 60 से 65 करोड़ रुपए की मांग की गई है।
घाटे के कारण और नई योजनाएं
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि घाटे के मुख्य कारण हैं: रियायती सफर, घाटे पर चल रहे रूट और कर्मचारियों की सैलरी एवं पेंशन। एचआरटीसी ने घाटे के बावजूद 94 फीसदी घाटे के रूटों पर बसें चलाने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि निगम नई गाड़ियां खरीद रहा है, जिसमें इलेक्ट्रिक बसों और वोल्वो बसों का नया फ्लीट शामिल है।
न्यूनतम किराया
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में यात्रियों से न्यूनतम किराया केवल पांच रुपए है, जबकि अन्य राज्यों में यह बढ़ाया गया है। यह भी एक कारण है कि निगम की आमदनी कम है। उन्होंने बताया कि एचआरटीसी सभी जिलों में अपने पुराने मॉडल दिखाएगा और बताएगा कि किस तरह से इसका सफर आगे बढ़ा है।