हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला के बनखंडी में बन रहे जू में वन्य प्राणियों के अनुकूल मौसम बनाने के लिए विशेष प्रयास किए जा रहे हैं। इसके तहत चार बड़े वाटर हारवेस्टिंग डैम बनाने के साथ-साथ चट्टानी हिस्सों में घास और पौधे उगाने की योजना बनाई गई है। बनखंडी में मौजूद बड़ी चट्टान के ऊपर मिट्टी की एक परत बिछाई जाएगी, जिसके बाद उसमें घास और पौधे लगाए जाएंगे।
इस प्रस्ताव को आईआईटी रुड़की को भेजा गया था, जहां से ग्रीन एरिया बनाने के लिए सहमति मिल गई है। मौसम में बदलाव लाने वाले इस प्रोजेक्ट पर जल्द ही काम शुरू होगा। चिड़ियाघर का निर्माण कार्य 250 हेक्टेयर भूमि पर 350 करोड़ रुपये की लागत से किया जा रहा है।
बनखंडी के पास एनएच-503 के निकट स्थित चट्टानें आने वाले समय में दिखाई नहीं देंगी। वैज्ञानिक तरीके से चट्टान के ऊपर मिट्टी की परतें बिछाई जाएंगी। वन्य प्राणी विभाग धर्मशाला डिवीजन के मुख्य अरण्यपाल सरोज भाई पटेल ने बताया कि चिड़ियाघर के कार्यों को तेज गति से आगे बढ़ाया जा रहा है, और आईआईटी रुड़की के विशेषज्ञों की मदद से इस प्रोजेक्ट को वैज्ञानिक आधार पर धरातल पर उतारा जाएगा। पहले चरण में चट्टान के क्षेत्र को ग्रीन एरिया में तब्दील किया जाएगा।