अश्विन नवरात्र मेले की तैयारी: शक्तिपीठों की रंग-बिरंगी सजावट
अश्विन नवरात्र के पावन पर्व के अवसर पर शक्तिपीठों को रंग-बिरंगे फूलों और लाइट्स से सजाने का कार्य शुरू हो गया है। इस दौरान, भक्तों के लिए मंदिरों में माँ की विशेष पूजा-अर्चना की जाएगी, साथ ही विशेष व्यंजनों के भोग भी अर्पित किए जाएंगे।
चिंतपूर्णी मंदिर 24 घंटे खुला रहेगा, जिससे श्रद्धालु किसी भी समय माँ की आराधना कर सकेंगे। प्रदेश के पांच शक्तिपीठों—श्री ब्रजेश्वरी देवी, श्री ज्वालामुखी, श्री नयना देवी, श्री चामुंडा देवी, और श्री चिंतपूर्णी—में 3 से 11 अक्टूबर तक अश्विन नवरात्र मेले का आयोजन किया जाएगा।
हर शक्तिपीठ पर मईया के स्नान, श्रृंगार और आरती के लिए समय निर्धारित किया गया है। चिंतपूर्णी मंदिर में सुबह चार बजे मईया का स्नान होगा, इसके बाद श्रृंगार और भोग अर्पित किए जाएंगे। दोपहर 12 से 12:30 बजे तक मंदिर कुछ समय के लिए बंद रहेगा। वहीं, नयनादेवी मंदिर रात 12 से 2 बजे तक बंद रहेगा, इस दौरान मईया की आरती की जाएगी।
ज्वाला जी मंदिर सुबह चार बजे खुलेगा और श्रद्धालुओं की भीड़ खत्म होने तक खुला रहेगा। चामुंडा देवी मंदिर में भी विशेष भोग अर्पित किए जाएंगे। ब्रजेश्वरी देवी मंदिर सुबह चार बजे से रात 10 बजे तक खुला रहेगा, जबकि अष्टमी के दिन रात दो बजे कपाट खोले जाएंगे।